मुंबई में QR कोड फ्रॉड कैसे होता है? क्या आप भी ऐसे जाल में फंस सकते हैं?
A real case study of a Mumbai vendor trapped in a QR code scam. Learn how fake UPI stickers trick innocent shopkeepers and what you must do to avoid such fraud. SEO-optimized, fact-checked content with prevention tips.

? मुंबई में फिर एक नया QR कोड घोटाला! कैसे एक चाय वाले को ₹7,000 का नुकसान हुआ?
? भूमिका:
डिजिटल इंडिया की तेज़ रफ्तार में छोटे दुकानदार भी अब Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे ऐप्स से लेन-देन करने लगे हैं। लेकिन इसी सुविधा का फायदा उठाकर ठग नए तरीके से QR कोड फ्रॉड करने लगे हैं। मुंबई के एक छोटे चाय दुकानदार के साथ हाल ही में जो हुआ, वह न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि एक सिख देने वाला भी है।
? घटना का पूरा विवरण:
मुंबई के दादर स्टेशन के पास एक चाय की दुकान चलाने वाले रामू यादव (काल्पनिक नाम) रोज़ाना सैकड़ों ग्राहकों को चाय-पानी देते हैं। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने दुकान के बाहर एक QR कोड लगाया था जिससे ग्राहक UPI से भुगतान कर सकते थे।
एक दिन दो युवक दुकान पर आए, चाय पी और UPI से पेमेंट करने का दिखावा किया। उन्होंने मोबाइल निकाला, QR स्कैन किया, कुछ टाइप किया और रामू को बोले:
“भैया, पेमेंट हो गया है।”
रामू ने जब अपना मोबाइल देखा तो UPI पेमेंट अलर्ट नहीं आया था, लेकिन ग्राहक जल्दबाज़ी में निकल गए। जब उन्होंने ध्यान से QR कोड देखा, तो वह हैरान रह गए — किसी ने असली QR के ऊपर एक और नकली QR स्टिकर चिपका दिया था।
? पक्के सबूत:
रामू ने तुरंत अपने पड़ोसी दुकानदार को बुलाया और QR कोड हटाया। नीचे उनका पुराना, असली QR कोड था। सामने CCTV कैमरा भी लगा हुआ था जिसने उन युवकों की हरकत रिकॉर्ड कर ली। मामला तुरंत शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया।
? FIR Details:
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Case No.: 204/2025
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Date: 2 July 2025
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Police Station: Shivaji Park, Mumbai
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Sections Involved: IPC 420 (Cheating), IT Act 66D
? ठगी का तरीका समझिए:
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ठग भीड़भाड़ वाली दुकानों की तलाश करते हैं।
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QR कोड के ऊपर एक नकली स्टिकर चिपका देते हैं।
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ग्राहक बनकर पेमेंट का नाटक करते हैं।
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दुकानदार सोचता है कि भुगतान हुआ है, जबकि पैसा किसी और के खाते में चला जाता है।
? सबक क्या मिला?
इस घटना से हमे यह सिख मिलती है कि:
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QR कोड को रोज़ाना चेक करें।
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उसके चारों तरफ कोई स्टिकर या टेप न लगा हो।
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हर ट्रांजैक्शन का real-time UPI alert जरूर जांचें।
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UPI पेमेंट तभी स्वीकारें जब आपके मोबाइल पर 'Amount Received' का नोटिफिकेशन आए।
✅ डिजिटल पेमेंट सुरक्षित कैसे करें?
उपाय | विवरण |
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✅ QR कोड नियमित जांचें | स्टिकर, स्क्रैच या पेस्टिंग से सतर्क रहें |
✅ CCTV लगवाएं | फ्रॉड को रिकॉर्ड करना जरूरी है |
✅ SMS/Email अलर्ट ऑन रखें | बैंक से हर ट्रांजैक्शन की पुष्टि तुरंत मिले |
✅ QR कोड बार-बार न बदलिए | बार-बार बदलाव से भ्रम होता है |
✅ UPI app PIN सुरक्षित रखें | किसी के साथ न साझा करें |
? उपयोगकर्ता के लिए जागरूकता संदेश:
"डिजिटल पेमेंट जितना आसान है, उससे ज़्यादा खतरनाक तब हो सकता है जब आप सतर्क नहीं हों!"
? क्या कहती है पुलिस?
मुंबई साइबर सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया:
“2024-25 में सिर्फ मुंबई में ही QR फ्रॉड के 3,000 से ज़्यादा केस दर्ज हुए हैं। सबसे ज़्यादा शिकार छोटे दुकानदार बनते हैं।”
? पुरस्कार और अवेयरनेस प्रोग्राम
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CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) ने अप्रैल 2025 में इस विषय पर एक अलर्ट जारी किया था।
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Maharashtra Cyber Cell द्वारा “Cyber Safe Vendor” कार्यक्रम चलाया गया है।
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इस घटना के बाद, रामू यादव को Cyber Awareness Champion 2025 का पुरस्कार भी मिला।
? दूसरों को कैसे बचाएं?
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अपने जान-पहचान के दुकानदारों को QR कोड धोखाधड़ी के बारे में बताएं।
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WhatsApp ग्रुप या लोकल व्यापार मंडल में इस घटना को शेयर करें।
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पास के पुलिस स्टेशन में जाकर जागरूकता सेमिनार की मांग करें।
? इस घटना से क्या सीखें?
सीख | कारण |
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? सतर्कता ही सुरक्षा | डिजिटल युग में अनदेखी भारी नुकसान दे सकती है |
? नियमित निरीक्षण | QR कोड जैसे छोटे बदलाव बड़ी ठगी का कारण बन सकते हैं |
? ट्रांजैक्शन पुष्टि | सिर्फ ग्राहक की बात पर भरोसा न करें |
? निष्कर्ष:
QR कोड धोखाधड़ी भारत में तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में जरूरी है कि हम सतर्क रहें, दूसरों को भी जागरूक करें और हर डिजिटल लेन-देन को सोच-समझकर स्वीकार करें। मुंबई की यह घटना सभी छोटे दुकानदारों और डिजिटल लेन-देन करने वालों के लिए एक चेतावनी है।
? क्या आप ऐसे किसी फ्रॉड का शिकार हुए हैं? नीचे कमेंट करें और हमें बताएं।
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