क्या कांति चारुचंद्र सेवासदन बना मौत का घर? कौन है जिम्मेदार?
कांति चारुचंद्र सेवासदन में डॉक्टरों की लापरवाही से पायल मैती की मौत? जानिए कैसे डॉक्टर एम. हुसैन और उनकी टीम ने गलत सर्जरी कर मासूम की जान ले ली। न्याय की गुहार!

क्या कांति चारुचंद्र सेवासदन में पायल मैती की जान डॉक्टरों की लापरवाही से गई?
मौत या हत्या? अस्पताल की एक और चौंकाने वाली लापरवाही!
पश्चिम बंगाल के कांति चारुचंद्र सेवासदन अस्पताल में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। पायल मैती नाम की एक महिला, जो एक मासूम बच्चे को जन्म देने वाली थी, उसकी जिंदगी अस्पताल में एक गलत सिजेरियन ऑपरेशन के बाद खत्म हो गई। परिजनों ने डॉक्टर एम. हुसैन और उनकी टीम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। क्या यह महज़ एक गलती थी, या फिर मेडिकल लापरवाही की इंतहा?
कैसे हुआ यह पूरा हादसा?
10 फरवरी 2025 को पायल मैती, जो आलादारपुर, कांति की रहने वाली थी, को प्रसव पीड़ा के कारण कांति चारुचंद्र सेवासदन में भर्ती किया गया। डॉक्टर एम. हुसैन ने दोपहर 2 बजे उनका सिजेरियन ऑपरेशन किया। लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने सभी को झकझोर कर रख दिया।
- ऑपरेशन के 2 घंटे बाद, यानी शाम 4 बजे, पायल को ऑपरेशन थिएटर से बाहर लाया गया।
- कुछ समय बाद ही सिलाई से खून बहना शुरू हो गया, और पायल को सीने में असहनीय जलन महसूस होने लगी।
- शाम 6 बजे से उसकी हालत और बिगड़ने लगी, लेकिन डॉक्टर एम. हुसैन, उनके बेटे डॉ. नादिम हुसैन और बेटी मिस हुसैन ने इसे नजरअंदाज किया।
- परिवार वालों ने डॉक्टर से मरीज को किसी और अस्पताल में रेफर करने की गुजारिश की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
- जब हालत काबू से बाहर हो गई, तो रात 12:30 बजे उसे जबरदस्ती दारुआ सब-डिविजनल अस्पताल भेज दिया गया।
- लेकिन वहां पहुंचने के सिर्फ 1 घंटे बाद, यानी रात 1:30 बजे, पायल की मौत हो गई।
डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही – सवालों के घेरे में कांति चारुचंद्र सेवासदन
इस पूरे मामले ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
- सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान इतनी लापरवाही क्यों?
- जब हालत बिगड़ने लगी तो समय पर सही उपचार क्यों नहीं दिया गया?
- अस्पताल ने पायल को देर रात तक क्यों रोके रखा, जबकि उसकी हालत गंभीर थी?
- डॉक्टर एम. हुसैन और उनकी टीम ने उसे पहले ही किसी बड़े अस्पताल में रेफर क्यों नहीं किया?
- क्या अस्पताल प्रशासन ने मामले को छुपाने की कोशिश की?
क्या डॉक्टर एम. हुसैन और उनकी टीम पर होगी कार्रवाई?
इस घटना के बाद #JusticeForPayel नाम से एक मुहिम शुरू हो गई है। पायल के परिवार वाले और इलाके के लोग डॉक्टर एम. हुसैन, डॉ. नादिम हुसैन और मिस हुसैन पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, और इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है।
कांति चारुचंद्र सेवासदन – क्या पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएँ?
यह पहली बार नहीं है जब किसी अस्पताल पर मेडिकल लापरवाही का आरोप लगा हो। कांति चारुचंद्र सेवासदन पहले भी विवादों में रहा है।
- 2019 में, एक नवजात बच्चे की सही देखभाल न होने के कारण उसकी मौत हो गई थी।
- 2021 में, ऑपरेशन के दौरान लापरवाही के कारण एक महिला मरीज को गंभीर संक्रमण हो गया था।
- 2023 में, अस्पताल पर बिना लाइसेंस वाले डॉक्टरों द्वारा इलाज करने के आरोप लगे थे।
परिजनों की मांग – डॉक्टरों को मिले सजा!
पायल के परिवार वालों और स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इस मामले में दोषियों को कड़ी सजा नहीं मिली, तो आगे भी ऐसी घटनाएँ होती रहेंगी।
परिजनों की मांग:
✔️ डॉक्टर एम. हुसैन, नादिम हुसैन और मिस हुसैन की मेडिकल डिग्री रद्द की जाए।
✔️ अस्पताल पर कड़ी कार्रवाई हो और इसे अस्थायी रूप से बंद किया जाए।
✔️ इस केस की निष्पक्ष जांच हो और सभी दोषियों को सजा दी जाए।
✔️ मेडिकल लापरवाही के खिलाफ कड़े कानून बनाए जाएं।
क्या आपको लगता है कि दोषियों को सजा मिलेगी?
इस घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम उठाएगा, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह दबा दिया जाएगा?
अगर आप भी इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना चाहते हैं, तो इस खबर को शेयर करें और #JusticeForPayel मुहिम का हिस्सा बनें!
अंतिम शब्द – न्याय की मांग के लिए हम सब एकजुट हों!
पायल मैती जैसी मासूम महिलाओं की जिंदगी बचाने के लिए हमें मेडिकल लापरवाही के खिलाफ खड़ा होना होगा। अगर हम आज चुप रहे, तो कल कोई और माँ, कोई और बहन इस तरह अपनी जान गंवा सकती है।
क्या आपको लगता है कि डॉक्टरों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए? कमेंट करके अपनी राय दें!
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