क्या Online Shopping के नाम पर ठगी का नया जाल बिछाया जा रहा है? जानिए एक सच्ची घटना!
A true story of online shopping fraud in India, how a man lost money in the name of branded items. Learn how it happened, how to prevent it, and how to help others with this information. SEO-optimized real fraud case.

? Online Shopping Fraud: एक सच्ची कहानी जो सबको सिखा गई
राकेश, एक 30 साल का सरकारी कर्मचारी, अक्सर ऑनलाइन शॉपिंग करता था। एक दिन उसे फेसबुक पर एक ऐड दिखा – "Branded Shoes - ₹499 में, Only Today!"।
उस वेबसाइट का नाम बहुत ही असली सा लग रहा था – "BrandZone.in"। साइट पर Nike, Adidas जैसे ब्रांड के फोटो लगे थे। ऑफर भी इतने जबरदस्त थे कि कोई भी लालच में आ जाए।
राकेश ने जल्दी से एक जोड़ी जूते ऑर्डर कर दिए। पेमेंट भी UPI से उसी वक्त हो गया – ₹499। ऑर्डर कन्फर्मेशन का मैसेज भी आ गया।
लेकिन 7 दिन बीत गए, डिलीवरी नहीं हुई।
उसने वेबसाइट पर दिए गए कस्टमर केयर नंबर पर कॉल किया – नंबर बंद था।
ईमेल किया – कोई जवाब नहीं आया।
अब वो समझ गया कि ये एक फ्रॉड वेबसाइट थी।
जब उसने Google पर उस वेबसाइट का नाम सर्च किया, तो पता चला कि और भी कई लोग इस साइट के जाल में फंसे हैं। किसी ने ₹999 का जैकेट ऑर्डर किया था, किसी ने मोबाइल का कवर।
? प्रूफ के तौर पर:
राकेश ने पेमेंट का स्क्रीनशॉट, वेबसाइट का URL और Facebook पर दिखा ऐड, सब साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर अपलोड किया। उसकी शिकायत रजिस्टर हुई – Complaint No. WB/FRAUD/2025/0089।
? इस कहानी से क्या सिख मिली?
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सस्ते दाम में ब्रांडेड प्रोडक्ट मिलना शक की बात हो सकती है।
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कभी भी अनजानी वेबसाइट से पेमेंट न करें।
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URL को Google पर चेक करें – असली साइट है या नहीं।
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सिर्फ भरोसेमंद साइट (Amazon, Flipkart, Myntra etc.) से ही खरीददारी करें।
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पेमेंट करते वक्त केवल COD या ट्रस्टेड गेटवे का उपयोग करें।
? ऐसे फ्रॉड से कैसे बचें?
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हमेशा वेबसाइट का URL चेक करें – कहीं ".in" की जगह ".xyz" तो नहीं?
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साइट पर दिए गए रिव्यू और रिटर्न पॉलिसी को पढ़ें।
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Too Good To Be True ऑफर से दूर रहें।
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Social Media पर दिखने वाले ऐड को बिना जांचे न खोलें।
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Google पर कंपनी का नाम सर्च करें – अगर शिकायतें मिलें, तो सतर्क हो जाएं।
? इसे बेहतर कैसे बनाएं?
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सरकार को FAKE SHOPPING SITES की लिस्ट हर हफ्ते जारी करनी चाहिए।
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Facebook/Instagram को ऐसे फ्रॉड ऐड ब्लॉक करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
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UPI ऐप में फ्रॉड ट्रांजैक्शन को तुरंत ट्रैक और रिवर्स करने की सुविधा होनी चाहिए।
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स्कूल-कॉलेज में “Digital Safety” सिखाई जाए।
? इससे दूसरों की कैसे मदद हो सकती है?
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राकेश की तरह कई लोग ठगी के शिकार हो सकते हैं – ये कहानी उन्हें पहले से सावधान कर सकती है।
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इस जानकारी को शेयर करके दोस्तों-परिवार को जागरूक किया जा सकता है।
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वेबसाइट और बैंक को भी इस तरह की एक्टिविटी रिपोर्ट कर आगे की कार्रवाई में मदद की जा सकती है।
? सारांश (Summary):
यह केस स्टडी बताती है कि ऑनलाइन शॉपिंग की सुविधा के साथ धोखाधड़ी भी तेजी से बढ़ रही है। अगर हम थोड़ी सावधानी रखें, तो ना केवल खुद को, बल्कि दूसरों को भी ऐसे जाल से बचा सकते हैं। जागरूकता ही सुरक्षा है।
? हमारे पाठकों के लिए संदेश:
अगर आप ऐसी और सच्ची कहानियाँ पढ़ना चाहते हैं, जो आपको जागरूक और अपडेट रखें, तो हमारी वेबसाइट www.ghostory.in को डेली फॉलो करें।
? नीचे कमेंट करें और बताएं – क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है?
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