क्या परमाणु हथियारों के साथ 'भिखारी' पाकिस्तान पर IAEA की निगरानी जरूरी है?

Defence Minister Rajnath Singh calls for IAEA oversight on Pakistan's nuclear arsenal post Operation Sindoor, highlighting concerns over nuclear safety and cross-border terrorism.

May 18, 2025 - 16:13
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क्या परमाणु हथियारों के साथ 'भिखारी' पाकिस्तान पर IAEA की निगरानी जरूरी है?
Defence Minister Rajnath Singh addressing troops in Srinagar post Operation Sindoor

क्या परमाणु हथियारों के साथ 'भिखारी' पाकिस्तान पर IAEA की निगरानी जरूरी है?

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में पाकिस्तान को 'भिखारी' और 'दुश्ट राष्ट्र' करार देते हुए उसकी परमाणु संपत्ति पर अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी की मांग की है। यह बयान भारत की 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद आया है, जिसमें भारत ने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी कार्रवाई

7 मई 2025 को, भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के विभिन्न आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए। इस ऑपरेशन में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के नौ एयरबेस पर हमला किया, जिसमें सर्गोधा के मुशाफ एयरबेस और रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में पाकिस्तान की वायु सेना की लगभग 20% परिचालन क्षमता नष्ट हो गई। इसके अलावा, जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडर अब्दुल रऊफ अज़हर, जो अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या में शामिल थे, भी मारे गए। 

राजनाथ सिंह का कड़ा संदेश

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर में सैनिकों से बातचीत करते हुए कहा, "पाकिस्तान ने कई बार भारत को परमाणु हमलों की धमकी दी है। क्या ऐसे गैर-जिम्मेदार और दुश्ट राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं?" उन्होंने IAEA से पाकिस्तान की परमाणु संपत्ति पर निगरानी की मांग की और कहा कि भारत अब आतंकवाद और परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा।

IAEA का बयान और पाकिस्तान की स्थिति

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि भारत ने पाकिस्तान के किरणा हिल्स में स्थित परमाणु ठिकानों पर हमला किया, जिससे रेडिएशन लीक हुआ। हालांकि, IAEA ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान के किसी भी परमाणु संयंत्र से रेडिएशन लीक की कोई रिपोर्ट नहीं है। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल पारंपरिक युद्ध के दायरे में था और किसी भी परमाणु ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया। 

पाकिस्तान की परमाणु सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय चिंता

ऑस्ट्रियाई सैन्य इतिहासकार टॉम कूपर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की परमाणु सुरक्षा में गंभीर खामियों को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने सबसे महत्वपूर्ण सैन्य संसाधनों की सुरक्षा करने में विफल रहा है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। 

भारत-पाकिस्तान संघर्ष और युद्धविराम

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया और दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमले किए। हालांकि, 10 मई 2025 को अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब की मध्यस्थता से दोनों देशों ने युद्धविराम की घोषणा की। इसके बावजूद, कश्मीर क्षेत्र में संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं सामने आई हैं और दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। 

निष्कर्ष: क्या IAEA की निगरानी आवश्यक है?

राजनाथ सिंह के बयान और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने पाकिस्तान की परमाणु सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब एक राष्ट्र आतंकवाद को समर्थन देता है और परमाणु हथियारों की धमकी देता है, तो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को उसकी परमाणु संपत्ति की निगरानी करनी चाहिए। IAEA की निगरानी से न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि वैश्विक शांति भी बनी रहेगी।


नोट: इस लेख में प्रस्तुत जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और रिपोर्ट्स पर आधारित है।


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