हावड़ा स्टेशन पर ट्रेन में मिला खून से लथपथ शव! रेलवे सुरक्षा पर बड़े सवाल
हावड़ा स्टेशन पर कटिहार एक्सप्रेस के दिव्यांग कोच से खून से लथपथ शव बरामद। क्या रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है? पढ़ें पूरी खबर।
हावड़ा स्टेशन पर मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब कटिहार एक्सप्रेस के दिव्यांग कोच से एक खून से लथपथ शव बरामद हुआ। मृतक की पहचान बाली निवासी सौमित्र चट्टोपाध्याय के रूप में हुई है, जो पेशे से तबला शिक्षक थे। यह घटना रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।
घटना का विवरण:
पुलिस सूत्रों के अनुसार, ट्रेन के हावड़ा पहुंचने पर कोच की तलाशी के दौरान जीआरपी और आरपीएफ ने दिव्यांग कोच में ऊपरी बर्थ पर चादर से ढके हुए शव को पाया। शुरुआती जांच में मृतक के सीने और पेट पर कई चोटों के निशान पाए गए, जिससे हत्या की आशंका जताई जा रही है।
मृतक की उम्र करीब 60 वर्ष थी। उनके परिवार ने बताया कि वे तबला सिखाने के लिए बिहार के कटिहार गए थे और सोमवार रात करीब 10:30 बजे ट्रेन से लौट रहे थे। लेकिन रातभर उनसे कोई संपर्क नहीं हो सका।
रेलवे की सुरक्षा पर सवाल:
यह घटना एक बार फिर रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है।
1. आंतरिक सुरक्षा की कमी:
घटना के समय ट्रेन में आरपीएफ या सुरक्षा कर्मियों ने कुछ संदेहजनक नहीं देखा।
यात्रियों ने भी घटना का पता नहीं लगाया।
2. दिव्यांग कोच में सुरक्षा की अनदेखी:
दिव्यांग कोच में आमतौर पर सुरक्षा कर्मी नहीं होते, जो अपराधियों को निशाना बनाने का मौका देता है।
3. हत्या की गुत्थी:
पुलिस को यह स्पष्ट नहीं हो सका कि हत्या ट्रेन में हुई या ट्रेन से पहले।
मर्डर की सही जगह और समय की जांच जारी है।
जीआरपी ने क्या कहा?
हावड़ा जीआरपी ने हत्या का मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जीआरपी अधिकारियों का कहना है कि यह सुनियोजित हत्या का मामला लग रहा है। हालांकि, अभी तक कोई पहचान पत्र या टिकट मृतक के पास से बरामद नहीं हुआ है।
रेलवे में बढ़ते अपराध और समाधान:
पिछले कुछ महीनों में रेलवे में अपराध के कई मामले सामने आए हैं। यह घटना न केवल रेलवे की सुरक्षा प्रणाली में खामियों को उजागर करती है बल्कि यात्रियों के बीच डर का माहौल भी पैदा करती है।
समाधान के लिए कदम:
हर कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
आरपीएफ और जीआरपी की गश्त बढ़ाई जाए।
संवेदनशील कोचों (जैसे दिव्यांग कोच) में विशेष सुरक्षा तैनात की जाए।
पहले भी ऐसे मामले:
इससे पहले भी रेलवे स्टेशनों पर चोरी, तस्करी और हत्या जैसे मामलों की घटनाएं हो चुकी हैं। हाल ही में, हावड़ा स्टेशन पर गया एक्सप्रेस में एक व्यक्ति के पास से 770 ग्राम सोने के गहने, 385 ग्राम चांदी और 40 हजार रुपए नकद बरामद हुए थे।
क्या कहता है कानून?
रेलवे एक्ट के तहत, यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और जीआरपी का होता है। लेकिन जब सुरक्षा में लापरवाही होती है, तो यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है।
निष्कर्ष:
हावड़ा स्टेशन पर कटिहार एक्सप्रेस में मिली इस खून से लथपथ लाश ने न केवल एक परिवार को गहरे शोक में डाल दिया, बल्कि रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या रेलवे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएगा?
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