क्या ट्रंप के 'नकली मतदाताओं' ने एक-दूसरे को फँसाया? जॉर्जिया मामले में खुलासे से उड़े होश!
Fulton County DA claims Trump’s fake electors are turning on each other, seeks disqualification of their lawyer Kimberly Debrow amid immunity deal controversy in Georgia election interference probe.

क्या ट्रंप के 'नकली मतदाताओं' ने एक-दूसरे को फँसाया? जॉर्जिया मामले में खुलासे से उड़े होश!
अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ चल रही कानूनी जांच में एक नया मोड़ आ गया है। फुल्टन काउंटी के जिला अभियोजक (District Attorney) ने दावा किया है कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद ट्रंप के लिए नकली मतदाताओं के रूप में काम करने वाले कुछ रिपब्लिकन नेता अब एक-दूसरे को आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का दोषी ठहरा रहे हैं। इस बात के चलते अभियोजक कार्यालय ने उनके वकील किम्बरली बौरोज डेब्रो को मामले से हटाने की मांग की है।
क्या यह ट्रंप के खिलाफ जारी जांच का एक बड़ा सबूत बनने वाला है? क्या नकली मतदाताओं के बयान अंततः ट्रंप तक पहुंचेंगे? और क्या इस जांच के बाद अमेरिका के राजनीतिक भविष्य पर गहरा असर पड़ेगा?
नकली मतदाताओं के बयानों ने खोली पोल
फुल्टन काउंटी डीए के एक नए कोर्ट फाइलिंग के अनुसार, कुछ ऐसे रिपब्लिकन नेता जो जॉर्जिया में ट्रंप के लिए "नकली मतदाता" बने थे, अब एक-दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे हैं। इनमें से कुछ ने दावा किया है कि उनके साथी मतदाताओं ने उन गतिविधियों में हिस्सा लिया जिनका वे हिस्सा नहीं थे और जो जॉर्जिया के कानून के तहत अपराध हैं।
इस बात को लेकर अभियोजक कार्यालय ने वकील किम्बरली डेब्रो के खिलाफ आपत्ति उठाई है। उनका तर्क है कि जब एक ही वकील के क्लाइंट एक-दूसरे को अपराध में शामिल बता रहे हैं, तो वकील की भूमिका में स्पष्ट रूप से स्वार्थ का संघर्ष (Conflict of Interest) हो जाता है।
“कुछ मतदाताओं ने सीधे तौर पर डेब्रो के एक अन्य क्लाइंट को अतिरिक्त अपराधों में शामिल होने का दोषी ठहराया है। ऐसे में उनकी इस मामले में भागीदारी गंभीर संघर्ष पैदा करती है।” – फाइलिंग में जिला अभियोजक कार्यालय का बयान
क्या वकील ने क्लाइंट्स को नहीं बताया था 'छूट का प्रस्ताव'?
एक और बड़ा आरोप यह लगाया गया है कि डेब्रो ने अपने क्लाइंट्स को 2022 में दिए गए संभावित छूट (Immunity) के प्रस्ताव के बारे में जानकारी नहीं दी। कोर्ट ने उस समय दो वकीलों को निर्देश दिया था कि वे अपने क्लाइंट्स को छूट का प्रस्ताव पेश करें, ताकि वे जांच में सहयोग कर सकें। वकीलों ने कोर्ट को बताया था कि उन्होंने अपने क्लाइंट्स से बात की और उन्होंने छूट के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
लेकिन अब अभियोजक कार्यालय का दावा है कि जांच टीम ने इन मतदाताओं से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि उन्हें कभी कोई छूट का प्रस्ताव नहीं दिया गया था।
यह आरोप गंभीर है। अगर यह सच साबित होता है, तो यह न केवल वकील के पेशेवर आचरण पर सवाल खड़ा करेगा, बल्कि पूरी जांच की वैधता पर भी असर डाल सकता है।
कौन हैं ये 'नकली मतदाता'?
2020 के राष्ट्रपति चुनाव में जॉर्जिया जैसे राज्य में जोसेफ बाइडन ने जीत दर्ज की थी। लेकिन ट्रंप और उनके समर्थकों ने चुनाव में धांधली का दावा किया और इसके बावजूद जॉर्जिया के 16 रिपब्लिकन नेताओं ने खुद को "ट्रंप के मतदाता" के रूप में पेश किया। ये लोग एक औपचारिक बैठक में इकट्ठा हुए और झूठे दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए, जिसमें दावा किया गया कि ट्रंप ने जॉर्जिया जीता है।
इसे अमेरिकी संविधान के खिलाफ माना जा रहा है। यह एक ऐसी गतिविधि थी जिसका उद्देश्य चुनाव परिणाम को पलटना था। इनमें से कई लोगों को जांच में "संभावित आरोपी" के रूप में सूचित किया जा चुका है।
इन 16 लोगों में ट्रंप के पूर्व वकील रूडी गियूलियानी भी शामिल हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने इस योजना को बनाने और लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
क्या जल्द होंगे आरोप तय?
फुल्टन काउंटी की जिला अभियोजक फैनी विलिस ने कई बार कहा है कि आरोप तय करने का फैसला "निकट" है। हालांकि, अब तक किसी के खिलाफ आधिकारिक तौर पर आरोप नहीं लगाए गए हैं।
एक विशेष ग्रैंड जूरी (Special Grand Jury) ने पिछले साल अपना काम पूरा कर लिया था। जूरी के अध्यक्ष ने बाद में कहा कि उन्होंने 12 से अधिक लोगों के खिलाफ आरोप लगाने की सिफारिश की है, जिनमें ट्रंप के सहयोगी और यहां तक कि संभावित रूप से खुद ट्रंप भी शामिल हो सकते हैं।
इस बीच, जॉर्जिया के गवर्नर ब्रायन कैंप ने हाल ही में रिपब्लिकन पार्टी से आह्वान किया कि वे 2020 के चुनाव के दावों को पीछे छोड़ दें। उन्होंने कहा, "2020 अब प्राचीन इतिहास है।"
वकील का जवाब: "आरोप बेतुके और झूठे हैं"
इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए वकील किम्बरली डेब्रो ने कहा है कि अभियोजक कार्यालय का आवेदन "बेतुका, झूठा और अपमानजनक" है। उन्होंने कहा:
“मेरे क्लाइंट्स ने कोई अपराध नहीं किया है। न ही उन्होंने खुद या एक-दूसरे को किसी अपराध में शामिल बताया है।”
डेब्रो ने यह भी आरोप लगाया कि अभियोजक कार्यालय राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है और इस मामले को राजनीतिक रूप से दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहा है।
क्या यह मामला ट्रंप के राष्ट्रपति पद की दौड़ पर असर डालेगा?
2024 के राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी तेजी से चल रही है। डोनाल्ड ट्रंप फिर से रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार के रूप में आगे हैं। लेकिन यह जांच उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
अगर जॉर्जिया में आरोप लगते हैं और ट्रंप के नाम का उल्लेख होता है, तो यह उनके चुनाव अभियान पर गहरा असर डाल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के समर्थक तो इसे "राजनीतिक पीछेबंदी" मानेंगे, लेकिन निष्पक्ष मतदाता इस पर गंभीरता से विचार कर सकते हैं।
हमें इस घटना से क्या सीख मिलती है?
- लोकतंत्र की रक्षा जरूरी है: चुनाव परिणामों को झूठे दावों से चुनौती देना लोकतंत्र के लिए खतरा है।
- कानून सभी के लिए बराबर होना चाहिए: चाहे व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो, कानून के सामने सभी बराबर हैं।
- वकीलों की भूमिका महत्वपूर्ण है: वकील केवल अपने क्लाइंट की रक्षा नहीं करते, बल्कि कानून के सम्मान के प्रति भी जिम्मेदार होते हैं।
इस मामले को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है?
- जांच पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए।
- सभी पक्षों को सुना जाना चाहिए।
- राजनीतिक दखलंदाजी से बचा जाना चाहिए।
- मीडिया को तथ्यों पर आधारित रिपोर्टिंग करनी चाहिए, भावनाओं पर नहीं।
सारांश: एक ऐतिहासिक मोड़
फुल्टन काउंटी की यह जांच केवल एक कानूनी मामला नहीं है, बल्कि अमेरिकी लोकतंत्र के लिए एक परीक्षा है। नकली मतदाताओं के बयान, वकील के खिलाफ आरोप, और छूट के प्रस्ताव का विवाद — सभी एक संकेत देते हैं कि यह मामला जल्द ही अपने चरम पर पहुंच सकता है।
अगर आरोप लगते हैं, तो यह अमेरिकी इतिहास में एक अनूठा अध्याय बन सकता है — जहां एक राष्ट्रपति और उनके सहयोगी चुनाव परिणाम को बदलने के लिए एक योजना बनाने के लिए जवाबदेह ठहराए जा सकते हैं।
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