आईईडी को निष्क्रिय करने में सुरक्षाबलों की सतर्कता से माओवादियों के मंसूबे नाकाम?
तिमापुर थाना क्षेत्र के बासागुड़ा-आवापल्ली मार्ग पर सुरक्षाबलों की सतर्कता से माओवादियों द्वारा लगाए गए 50 किलोग्राम आईईडी को निष्क्रिय किया गया। जानें पूरी घटना की जानकारी।
आईईडी डिटेक्शन और निष्क्रिय करने की कहानी: सुरक्षाबलों ने कैसे बचाई दर्जनों जानें?
माओवादियों की नई साजिश का पर्दाफाश
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के तिमापुर थाना क्षेत्र में स्थित बासागुड़ा-आवापल्ली मार्ग पर एक बार फिर सुरक्षाबलों की सतर्कता ने माओवादियों की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। 23 जनवरी 2025 की सुबह, जब केरिपु 168 वाहिनी की बीडीएस (बम डिस्पोजल स्क्वाड) टीम डिमाईनिंग ड्यूटी पर निकली, तो उन्हें दुर्गा मंदिर के पास पुलिया के नीचे कुछ संदिग्ध संकेत मिले। सुरक्षाबलों ने अपनी सूझबूझ और आधुनिक उपकरणों की मदद से उस जगह पर जांच की, जिससे 50 किलोग्राम वजनी आईईडी का पता चला।
आईईडी कैसे लगाया गया था?
माओवादियों ने पुलिया के नीचे के कंक्रीट और पत्थरों को हटाकर अंदर गहराई तक आईईडी प्लांट किया था। सुरक्षा बलों के अनुसार, इसे इतनी चतुराई से लगाया गया था कि बाहर से कोई भी इसे पहचान नहीं सकता था। पत्थरों को वापस उसी तरह जमा दिया गया था ताकि किसी को शक न हो।
सुरक्षाबलों की त्वरित कार्रवाई
मेटल डिटेक्टर की मदद से जैसे ही आईईडी का पता चला, बीडीएस टीम ने पूरी सतर्कता के साथ इसे निष्क्रिय करने का प्रयास किया। हालांकि, आईईडी की गहराई और उसके खतरनाक प्रकृति को देखते हुए, इसे मौके पर ही नष्ट करना पड़ा। इस प्रक्रिया के दौरान एक बड़ा विस्फोट हुआ, जिससे सड़क में गहरा गड्ढा बन गया।
माओवादियों का उद्देश्य और सुरक्षाबलों की सफलता
सुरक्षाबलों ने पुष्टि की कि माओवादियों ने यह आईईडी बड़े वाहनों को नुकसान पहुंचाने और सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के उद्देश्य से लगाया था। यह आईईडी रिमोट कंट्रोल से संचालित किया जा सकता था। लेकिन सुरक्षाबलों की सतर्कता और रणनीतिक कार्रवाई से न केवल माओवादियों की साजिश नाकाम हुई, बल्कि कई निर्दोष लोगों की जान भी बचाई जा सकी।
सुरक्षा बलों का बयान
सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने बताया कि यह घटना उनकी सतर्कता और आधुनिक उपकरणों के सही उपयोग का परिणाम है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस प्रकार की किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पुलिस या सुरक्षाबलों को सूचित करें।
आईईडी नष्ट होने के बाद के हालात
आईईडी को निष्क्रिय करने के बाद सड़क में बने गहरे गड्ढे को भरने का काम शुरू कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सड़क पर जल्द ही आवागमन बहाल कर दिया जाएगा।
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निष्कर्ष
यह घटना सुरक्षा बलों की सतर्कता और कुशलता का एक बेहतरीन उदाहरण है। माओवादियों की ऐसी साजिशें यह साबित करती हैं कि वे समाज में भय का माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन हमारे सुरक्षाबलों की सूझबूझ और तत्परता से ये प्रयास नाकाम हो रहे हैं।
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