क्या पुलिस भी साइबर ठगों के निशाने पर आ रही है?
हाल ही में झाड़ग्राम में एक पुलिस अधिकारी को साइबर ठगों ने निशाना बनाया। क्या अब पुलिस भी साइबर अपराधियों के टारगेट पर है? पढ़ें पूरी खबर।

क्या पुलिस भी साइबर ठगों के निशाने पर आ रही है?
झाड़ग्राम में पुलिस अधिकारी को साइबर ठगी का शिकार बनाने की कोशिश
भारत में साइबर अपराध के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। लेकिन क्या अब साइबर अपराधी पुलिस अधिकारियों को भी अपने जाल में फंसाने लगे हैं? हाल ही में झाड़ग्राम जिले में एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को साइबर ठगों ने निशाना बनाया।
कैसे हुई ठगी की कोशिश?
झाड़ग्राम जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशन) गुलाम सरवर को उनके निजी और सरकारी मोबाइल नंबर पर ठगों ने कॉल किया। पहले निजी नंबर पर कॉल आया, जहां ठग ने हिंदी में बताया कि उनके क्रेडिट कार्ड से ज्यादा खर्च हो गया है। जब पुलिस अधिकारी ने पूछा कि कितनी राशि खर्च हुई है, तो ठग ने बताया कि 5 लाख रुपये से ज्यादा।
लेकिन गुलाम सरवर को तुरंत संदेह हुआ। उन्होंने चतुराई से जवाब दिया, "मेरे क्रेडिट कार्ड पर तो 50 लाख रुपये की लिमिट है, फिर इतना कम खर्च कैसे हुआ?" इस पर ठग को अहसास हुआ कि उसने गलत व्यक्ति को निशाना बना लिया है। जब पुलिस अधिकारी ने उससे सवाल किया कि "तुम यह सब क्यों कर रहे हो?", तो ठग ने जवाब दिया, "पेट के लिए मजबूरी है!"
दूसरा कॉल: CBI अधिकारी बनकर ठगने की कोशिश
कुछ दिनों बाद एक और फोन कॉल आया, लेकिन इस बार सरकारी ऑफिस के नंबर पर। जब पुलिस अधिकारी ने फोन उठाया, तो दूसरी तरफ से गुस्से में आवाज आई: "इतनी बार कॉल किया, तुम फोन क्यों नहीं उठा रहे?"
जब पुलिस अधिकारी ने पहचान पूछी, तो दूसरी तरफ से जवाब मिला, "मैं CBI अधिकारी बोल रहा हूं। इस नंबर से धोखाधड़ी की जा रही है, दिल्ली में एफआईआर दर्ज हुई है और जांच चल रही है।"
इस पर पुलिस अधिकारी ने और सख्ती से पूछा, "अपना नाम और बैज नंबर बताओ।" इस पर ठग घबरा गया और तुरंत फोन काट दिया।
क्यों पुलिस भी साइबर ठगों के निशाने पर आ रही है?
साइबर ठगों के पास आज कई तरह के डेटा सोर्स हैं। वे सरकारी अधिकारियों और आम जनता दोनों के नंबर अलग-अलग ऐप्स और पोर्टल्स से निकाल सकते हैं। झाड़ग्राम साइबर क्राइम सेल के डीएसपी सब्यसाची घोष का कहना है:
"ठग रैंडम नंबरों पर कॉल करते हैं और लोगों को डराने की कोशिश करते हैं। वे खुद को पुलिस, CBI, बैंक अधिकारी, बिजली विभाग या जज बताकर ठगी करते हैं। अगर कोई डर जाता है, तो वे बैंक अकाउंट डिटेल्स निकालने की कोशिश करते हैं।"
झाड़ग्राम में साइबर क्राइम की स्थिति
2023 में साइबर अपराध के कुल मामले: 31
2024 में अब तक दर्ज मामले: 27
2025 में अब तक दर्ज मामले: 3
गिरफ्तारी और समाधान:
- पिछले दो वर्षों में 60 साइबर क्राइम मामलों में से 42 मामलों का निपटारा किया जा चुका है।
- बाकी मामलों की जांच जारी है।
- सिर्फ NCRB में दर्ज मामलों के आधार पर 57 लाख रुपये की ठगी की रकम बरामद की जा चुकी है।
कैसे बचें साइबर ठगों से?
- फोन पर किसी भी अनजान व्यक्ति को बैंक डिटेल या OTP न दें।
- अगर कोई सरकारी अधिकारी या बैंक कर्मचारी बनकर फोन करे, तो पहले उसकी पहचान की पुष्टि करें।
- अगर कोई CBI, पुलिस, बिजली विभाग या अन्य सरकारी एजेंसी का नाम लेकर धमकाए, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
- अधिकारी अगर बैंक, क्रेडिट कार्ड कंपनी, या सरकारी विभाग से होने का दावा करे, तो उनके आधिकारिक नंबर पर कॉल करके सत्यापन करें।
- संदिग्ध कॉल की जानकारी नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को दें।
निष्कर्ष: क्या साइबर ठगों का नया टारगेट पुलिस अधिकारी हैं?
साइबर ठगों के बढ़ते मामलों को देखकर साफ है कि अब ये सिर्फ आम लोगों को ही नहीं, बल्कि सरकारी अधिकारियों और पुलिस वालों को भी निशाना बनाने लगे हैं। हालांकि, पुलिसकर्मी अपनी सतर्कता और जागरूकता के कारण इन मामलों में ठगी से बच जाते हैं, लेकिन आम लोगों को भी इसी सतर्कता की जरूरत है।
अगर आप भी कभी ऐसे किसी ठग के जाल में फंस जाते हैं, तो घबराने के बजाय तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
क्या आप कभी साइबर ठगी का शिकार हुए हैं? नीचे कमेंट करें और अपने अनुभव साझा करें। ऐसी और खबरों के लिए हमारी वेबसाइट को फॉलो करें!
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