क्या सोशल मीडिया का नया चेहरा बना जासूसी का माध्यम? यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा और 11 अन्य की गिरफ्तारी से उठे सवाल

हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा समेत 12 लोगों की पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया के उपयोग पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं।

May 20, 2025 - 10:54
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क्या सोशल मीडिया का नया चेहरा बना जासूसी का माध्यम? यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा और 11 अन्य की गिरफ्तारी से उठे सवाल
Jyoti Malhotra arrested for espionage

क्या सोशल मीडिया का नया चेहरा बना जासूसी का माध्यम? यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा और 11 अन्य की गिरफ्तारी से उठे सवाल

हरियाणा की प्रसिद्ध यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने देशभर में सनसनी फैला दी है। 'ट्रैवल विद जो' नामक चैनल से मशहूर हुई ज्योति पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने का आरोप है। उनकी गिरफ्तारी के साथ ही पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से कुल 12 लोगों को इस जासूसी रैकेट में शामिल होने के आरोप में पकड़ा गया है। इस मामले ने सोशल मीडिया के उपयोग और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच के संबंधों पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

ज्योति मल्होत्रा: एक यूट्यूबर से जासूस तक का सफर

34 वर्षीय ज्योति मल्होत्रा, 'ट्रैवल विद जो' चैनल के माध्यम से यात्रा व्लॉग्स के लिए जानी जाती थीं। उनकी सोशल मीडिया पर मजबूत उपस्थिति थी, जिसमें यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक और स्नैपचैट शामिल हैं। हालांकि, जांच में सामने आया कि उन्होंने अपने डिजिटल प्रभाव का उपयोग जासूसी गतिविधियों को छिपाने के लिए किया। वह पाकिस्तान के एक खुफिया अधिकारी के साथ रोमांटिक संबंध में थीं और बाली जैसे स्थानों की यात्रा उनके साथ की थी। उन्होंने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी ऑपरेटिव्स को भेजी। 

परेशन सिंदूर: एक व्यापक जांच

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत इस जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। इस ऑपरेशन के दौरान, ज्योति मल्होत्रा और अन्य संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखी गई, जिसमें उनके वित्तीय लेनदेन और डिजिटल संचार शामिल थे। जांच में यह भी सामने आया कि ये संदिग्ध हालिया सैन्य संघर्षों के दौरान भी पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में थे, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ। 

अन्य गिरफ्तारियां और उनकी भूमिका

  • गुज़ाला (पंजाब): 31 वर्षीय गुज़ाला ने दिल्ली में पाकिस्तानी अधिकारियों को भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी साझा करने की बात स्वीकार की है। उन्हें यूपीआई के माध्यम से ₹30,000 की दो किस्तों में भुगतान किया गया था।

  • शहज़ाद (रामपुर, यूपी): शहज़ाद को मुरादाबाद स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया। उन पर पाकिस्तान के लिए संवेदनशील जानकारी साझा करने और सीमा पार तस्करी में शामिल होने का आरोप है।

  • फलकशेर मसीह और सूरज मसीह (पंजाब): अजनाला, अमृतसर के निवासी इन दोनों पर सेना के कैंटोनमेंट क्षेत्रों और एयर बेस की तस्वीरें आईएसआई को भेजने का आरोप है।

सोशल मीडिया: एक नया जासूसी उपकरण?

इस मामले ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग की संभावनाओं को उजागर किया है। ज्योति मल्होत्रा जैसे प्रभावशाली व्यक्तित्वों का जासूसी गतिविधियों में शामिल होना दर्शाता है कि कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ किया जा सकता है। यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है कि वे सोशल मीडिया पर सक्रिय व्यक्तियों की गतिविधियों पर सतर्क रहें।

निष्कर्ष

ज्योति मल्होत्रा और अन्य की गिरफ्तारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जासूसी के तरीके बदल रहे हैं और अब सोशल मीडिया भी इसका एक माध्यम बन गया है। इससे यह आवश्यक हो गया है कि सुरक्षा एजेंसियां डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रखें और आम जनता को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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