पुतिन की परमाणु नीति में बदलाव: परमाणु प्रतिक्रिया के लिए नई शर्तें
रूस ने अपनी परमाणु नीति में बदलाव किया है, जो पश्चिमी समर्थन से पारंपरिक हमलों के लिए परमाणु प्रतिक्रिया की संभावनाओं को बढ़ा रहा है।

हाल ही में व्लादिमीर पुतिन ने रूस की परमाणु नीति में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जिससे परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की सीमा को काफी हद तक कम कर दिया गया है। नई नीति के अनुसार, यदि कोई गैर-परमाणु राज्य किसी परमाणु-संपन्न देश के समर्थन से रूस पर पारंपरिक हमला करता है, तो रूस इसे एक संयुक्त हमला मानेगा, जो परमाणु प्रतिक्रिया को प्रेरित कर सकता है।
सुरक्षा परिषद की बैठक में पुतिन ने कहा कि यदि किसी गैर-परमाणु राज्य का हमला परमाणु शक्ति के समर्थन से होता है, तो इसे रूस पर एक संयुक्त हमला माना जाएगा। यह बदलाव पश्चिमी देशों को चेतावनी देने के लिए है, खासकर यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें उपलब्ध कराने पर।
यह नीति अब रूस की परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की स्थितियों को व्यापक बना रही है, जिसमें पारंपरिक हमलों के लिए भी परमाणु प्रतिक्रिया की संभावना शामिल है, बशर्ते रूस की संप्रभुता को "गंभीर खतरा" हो। इस संशोधन का उद्देश्य पश्चिम को यूक्रेन के समर्थन से रोकना है और रूस की सुरक्षा को बनाए रखना है।
President Putin chairs a meeting of the Security Council on the subject of nuclear deterrence in Moscow on Wednesday. (Alexei Nikolsky/Kremlin via Reuters)
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