सुबह-सुबह की दौड़ ने बदली ज़िंदगी? क्या ये आदत आपको भी बना सकती है फिट और स्मोकिंग से दूर?
Discover how a disciplined morning routine, running 1600 meters in 7:30 mins, and healthy lifestyle choices helped one CRPF constable quit smoking and focus on long-term fitness. A motivational real-life journey.

✨ शुरुआत एक साधारण सुबह से
19 जून 2025 की सुबह, जब अधिकांश लोग नींद से जूझ रहे थे, तब एक Force जवान शुबहम नामक व्यक्ति ने खुद के लिए एक नई सुबह की शुरुआत की। कई दिनों के बाद, उन्होंने 1600 मीटर की दौड़ पूरी की — वो भी 7 मिनट 30 सेकंड में। यह कोई रिकॉर्ड टाइम नहीं था, लेकिन इसके पीछे की सोच थी गहरी।
? क्यों जरूरी है खुद पर ध्यान देना?
शुबहम की कहानी हर उस जवान, कर्मचारी और आम आदमी से जुड़ी है जो अपनी ड्यूटी, जिम्मेदारियों और परिवार के बीच खुद को कहीं खो देता है। ड्यूटी के चलते शारीरिक ध्यान कम हो जाता है। शुबहम खुद स्वीकारते हैं कि कुछ समय से स्मोकिंग की आदत धीरे-धीरे वापस आ गई थी — लेकिन उन्होंने खुद को रोका।
? स्मोकिंग से छुटकारा कैसे मिला?
जब शुबहम की ड्यूटी श्रीनगर में लगी थी, उन्होंने पूरी तरह स्मोकिंग छोड़ दी थी। लेकिन समय के साथ, सामाजिक अवसरों और छुट्टियों में एक-दो सिगरेट लेने लगे। फिर ऐसा करते-करते ये आदत धीरे-धीरे वापस आ गई।
20 दिन पहले, उन्होंने एक बार फिर सख्त फैसला लिया — और अब तक पूरी तरह स्मोकिंग छोड़ चुके हैं। ये 20 दिन की जीत, किसी मेडल से कम नहीं।
? डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव
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पिछले 6 सालों से शुबहम ने कोई भी कोल्ड ड्रिंक या बोतलबंद जूस नहीं पिया।
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तले-भुने और फास्ट फूड को लगभग पूरी तरह से छोड़ा हुआ है।
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साल में एक बार किसी विशेष मौके पर ही वह बाजार का फास्ट फूड खाते हैं।
? ड्यूटी में रहते हुए भी कैसे रखें खुद को फिट?
सीआरपीएफ जैसी सख्त ड्यूटी में भी उन्होंने फिजिकल एक्टिविटी के लिए समय निकाला। वो बताते हैं कि फिजिकल एक्टिविटी को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, चाहे आप किसी भी फोर्स, सर्विस, या प्रोफेशन में हों।
? हेल्थ चेकअप क्यों जरूरी?
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साल में कम से कम एक बार कोलेस्ट्रॉल और शरीर का पूरा हेल्थ चेकअप जरूरी है।
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धीरे-धीरे अगर शरीर का ध्यान नहीं दिया गया, तो उम्र के साथ ये कई बीमारियों की वजह बन सकता है।
? आदतें बदलें, ज़िंदगी बदलेगी
शुबहम कहते हैं, “धीरे-धीरे काम करो, लेकिन करो ज़रूर। एक्सरसाइज़ को दिनचर्या में लाओ, और अच्छा खाना खाओ। ये आदतें ही लंबे समय में सबसे बड़ा रिटर्न देंगी।”
? क्या सिख मिलती है इस अनुभव से?
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Consistency ही असली कुंजी है: शुरुआत चाहे छोटी हो, लेकिन नियमितता जरूरी है।
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स्मोकिंग से छुटकारा पाया जा सकता है: सही सोच, आत्मनियंत्रण और उद्देश्य हो तो कोई भी आदत छोड़ी जा सकती है।
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डाइट में सादगी जरूरी है: ज़्यादा तला-भुना, कोल्ड ड्रिंक्स छोड़ना स्वास्थ्य के लिए वरदान है।
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ड्यूटी में रहते हुए भी खुद को वक्त दें: चाहे जितना व्यस्त दिनचर्या हो, 15-20 मिनट शरीर के लिए जरूर निकालें।
❓ स्मोकिंग कैसे छोड़े?
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एक तारीख तय करें — जैसे शुबहम ने किया।
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अपने आस-पास के लोगों को बताएं ताकि सपोर्ट मिले।
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बोरियत या तनाव से बचने के लिए अन्य गतिविधियों में व्यस्त रहें।
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स्मोकिंग ट्रिगर्स को पहचानें और उनसे दूर रहें।
? कैसे रोके खुद को वापसी से?
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अपने पुराने अनुभव याद रखें।
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शरीर में हुए बदलावों को महसूस करें।
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एक डायरी रखें — जहाँ हर दिन की जीत दर्ज करें।
? लंबी दौड़ का घोड़ा बनने के लिए...
शुबहम की तरह अगर हम भी धीरे-धीरे अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव लाएं, तो न केवल हम फिट रहेंगे, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए भी एक मिसाल बनेंगे।
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