मणिपुर हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत, मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने बुलाई महत्वपूर्ण बैठक

मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जिसके बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने बैठक बुलाई। जानिए राज्य की स्थिति, सरकार के कदम और विरोध प्रदर्शन के कारण।

Nov 18, 2024 - 21:40
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मणिपुर हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत, मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने बुलाई महत्वपूर्ण बैठक
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मणिपुर हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत: मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने बुलाई बैठक

मणिपुर में चल रही हिंसा और अशांति ने एक बार फिर से राज्य की स्थिति को गंभीर बना दिया है। रविवार (17 नवंबर 2024) की रात, जिरीबाम जिले में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल हो गया, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की। यह घटना उस समय हुई जब प्रदर्शनकारी बीजेपी और कांग्रेस के कार्यालयों पर हमले कर रहे थे और आसपास के क्षेत्र में उत्पात मचा रहे थे। इस गोलीबारी में 20 वर्षीय खुंद्रकपम अथौबा की मौत हो गई, जबकि 26 वर्षीय के. बिशन घायल हो गए।

इस घटना के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री, नोंगथोम्बम बीरेन सिंह ने सोमवार (18 नवंबर 2024) को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें गैर-कांग्रेस विधायकों को आमंत्रित किया गया है। हालांकि, राष्ट्रीय पीपुल्स पार्टी (NPP) के विधायकों ने अपने समर्थन की वापसी के बाद इस बैठक में भाग लेने से इंकार कर दिया।

मणिपुर में फिर से फैलती हिंसा

मणिपुर की स्थिति को लेकर सरकार ने कर्फ्यू जारी रखा है, और इम्फाल ईस्ट, इम्फाल वेस्ट, और बिष्णुपुर जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं। यह कदम हिंसा की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है, क्योंकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की घटनाएं बढ़ गई हैं।

मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की बैठक का उद्देश्य राज्य के कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करना है। हालांकि, इस बैठक में NPP और Kuki-Zo के विधायक शामिल नहीं होंगे, जो मई 2023 में मणिपुर में शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद से इम्फाल घाटी छोड़कर चले गए थे।

विरोध और सरकार के खिलाफ आक्रोश

रविवार की हिंसा जिरीबाम जिले में हुई, जहां प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी और कांग्रेस के कार्यालयों पर हमला किया और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया। प्रदर्शनकारियों का यह आक्रोश विशेष रूप से उन महिलाओं और बच्चों की हत्या के विरोध में था, जिन्हें 11 नवंबर को उग्रवादियों ने अपहृत किया था।

घटना के बाद, राज्य सरकार ने एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को तीन प्रमुख मामलों की जांच सौंप दी है, जिसमें एक आदिवासी महिला की हत्या और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) पर हमला शामिल है।

मणिपुर में जातीय संघर्ष: RSS का बयान

मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष पर चिंता जताते हुए RSS ने कहा कि 19 महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद स्थिति का समाधान नहीं हो पाया है। RSS ने महिलाओं और बच्चों की हत्या की कड़ी निंदा की और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है।

मुख्यमंत्री की बैठक: क्या होगा आगे?

मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की बैठक में मुख्य रूप से वर्तमान संकट और हिंसा की स्थिति पर चर्चा की जाएगी। इसमें एनडीए के सहयोगी दलों के विधायक भी शामिल होंगे। इस बैठक के जरिए राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के उपायों पर विचार करेगी।

राज्य की राजनीति में उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री ने मणिपुर की जनता से शांति की अपील की है। उन्होंने विशेष रूप से COCOMI (कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी) से आग्रह किया है कि वे हिंसक विरोध प्रदर्शन से बचें और शांति बनाए रखने में सहयोग करें।

मणिपुर की बदलती स्थिति

मणिपुर की स्थिति काफी जटिल हो चुकी है, और यहां की राजनीति में आए दिन उथल-पुथल का सामना करना पड़ रहा है। मणिपुर की सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती इन जातीय संघर्षों और हिंसा को शांत करना है, जिससे राज्य में शांति और स्थिरता लौट सके।

इसमें कोई शक नहीं कि मणिपुर के लोग कठिन समय से गुजर रहे हैं, और उन्हें जल्द ही राहत की उम्मीद है। अब देखना यह है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर इस हिंसा को कैसे समाप्त करती हैं।

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