मणिपुर हिंसा: अमित शाह ने की सुरक्षा समीक्षा, 50 अतिरिक्त CAPF कंपनियां भेजी गईं – मणिपुर में शांति बहाली के प्रयास
मणिपुर में हालिया हिंसा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। 50 और CAPF कंपनियों की तैनाती की घोषणा। जानें इस गंभीर स्थिति के बारे में।

मणिपुर हिंसा: अमित शाह ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, केंद्र ने भेजे 50 अतिरिक्त CAPF कंपनियां
भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार (18 नवम्बर 2024) को मणिपुर राज्य में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। यह उनकी लगातार दूसरी दिन की बैठक थी, जहां उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द शांति और व्यवस्था बहाल की जाए। मणिपुर में उथल-पुथल की स्थिति को देखते हुए, केंद्र सरकार ने राज्य में अतिरिक्त 50 कंपनियों के साथ 5,000 से अधिक सुरक्षा बल भेजने का निर्णय लिया है।
मणिपुर हिंसा की वर्तमान स्थिति
मणिपुर राज्य में हाल के महीनों से जातीय हिंसा जारी है, और यह स्थिति पिछले कुछ दिनों में और अधिक बिगड़ गई है। मई 2023 से जारी इस हिंसा में अब तक 220 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। इस हिंसा का मुख्य कारण राज्य के विभिन्न जातीय समूहों के बीच टकराव है, जिसमें मुख्य रूप से इम्फाल घाटी के मैतेई समुदाय और पहाड़ी इलाकों के कुकी-जो समुदाय शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने पहले भी राज्य में शांति स्थापित करने के लिए कई प्रयास किए थे, जिसमें पहले 20 कंपनियां भेजी गई थीं। अब, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 50 और कंपनियां भेजी जा रही हैं, जिसमें 35 कंपनियां CRPF (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) से और बाकी 15 BSF (सीमा सुरक्षा बल) से होंगी।
सुरक्षा बलों की बढ़ती संख्या
केंद्र सरकार ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति को गंभीर मानते हुए अतिरिक्त 50 कंपनियां भेजने का आदेश दिया है। इन सुरक्षा बलों में 5,000 से अधिक जवान शामिल होंगे, जो मणिपुर सरकार को वर्तमान "अस्थिर" स्थिति को नियंत्रित करने में मदद करेंगे। यह निर्णय उस समय लिया गया जब मणिपुर के जिरीबाम जिले में हाल ही में हुई हिंसा और उसकी छाया राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गई थी।
इससे पहले, गृह मंत्रालय ने 12 नवम्बर 2024 को राज्य में स्थिति की समीक्षा करने के बाद 20 अतिरिक्त CAPF कंपनियों को भेजने का आदेश दिया था। इस पूरे अभियान में कुल मिलाकर 218 CAPF कंपनियां मणिपुर में तैनात की जा चुकी हैं, जो वहां की लगातार बिगड़ती स्थिति को संभालने के लिए काफी अहम हैं।
मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति
हालात को देखते हुए, मणिपुर सरकार ने 18 नवम्बर से 19 नवम्बर तक इम्फाल पश्चिम और इम्फाल पूर्व जिलों में स्कूल और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, कई जिलों में कर्फ्यू भी लागू किया गया है, और इंटरनेट सेवाओं को भी कुछ हिस्सों में निलंबित कर दिया गया है। इस तरह के कदमों का उद्देश्य शांति और व्यवस्था को बनाए रखना और स्थिति को नियंत्रण में रखना है।
NIA द्वारा की गई जांच
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मणिपुर में हाल में हुई हिंसा के संबंध में तीन FIRs दर्ज की हैं। इनमें से एक महिला की हत्या, CRPF पोस्ट पर हमले और नागरिकों की हत्याओं के मामले हैं, जिनमें से तीन मामलों को अब NIA द्वारा देखा जा रहा है। यह भी साबित करता है कि मणिपुर में हिंसा का दायरा बढ़ रहा है और अब यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा मामला बन चुका है।
अमित शाह का समीक्षा अभियान
गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को महाराष्ट्र में होने वाले चुनावी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया था और मणिपुर की स्थिति पर निगरानी रखने के लिए पूरी तरह से ध्यान केंद्रित किया था। शाह ने सोमवार को सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की और निर्देश दिए कि सभी केंद्रीय बलों को मणिपुर में तैनात कर शांति स्थापित की जाए।
गृह मंत्रालय के अनुसार, मणिपुर में अब तक दोनों समुदायों के बीच हुई हिंसा के कारण कई निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है और सार्वजनिक व्यवस्था में विघटन हुआ है। मंत्रालय ने हिंसा में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है और कहा है कि जो भी हिंसा करने का प्रयास करेगा, उसे सख्त सजा दी जाएगी।
सरकार का कदम
मणिपुर के संकट को ध्यान में रखते हुए, केंद्र ने राज्य में और अधिक सुरक्षा बल तैनात करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, मणिपुर सरकार ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार किया है, जिनमें अधिकारियों द्वारा क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति के आधार पर तैनाती योजनाएं तैयार करना शामिल है।
निष्कर्ष
मणिपुर में हिंसा की स्थिति बहुत ही संवेदनशील और जटिल हो गई है। केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार दोनों मिलकर इस मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठा रहे हैं। सुरक्षा बलों की तैनाती और सख्त कानून व्यवस्था के कदम इस दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
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