कर्नाटक में वक्फ बोर्ड के खिलाफ किसानों का आंदोलन तेज, गृहमंत्री ने की समीक्षा की घोषणा
कर्नाटक में वक्फ बोर्ड और किसानों के बीच जमीन विवाद में सरकार ने समीक्षा का आश्वासन दिया, किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया।

परिचय
कर्नाटक के विजयपुरा जिले में किसानों की जमीन पर वक्फ बोर्ड के दावे ने विवाद की स्थिति उत्पन्न कर दी है। किसानों ने जिला प्रशासन के नोटिस का विरोध करते हुए उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इस मुद्दे पर सरकार ने जल्द ही समीक्षा करने की घोषणा की है।
वक्फ बोर्ड का दावा और किसानों का विरोध
वक्फ बोर्ड ने विजयपुरा जिले में किसानों की पुश्तैनी जमीनों पर अपना दावा ठोका है। किसानों का कहना है कि बिना उनकी जानकारी में लाए उनके जमीन के मालिकाना दस्तावेजों को वक्फ के पक्ष में परिवर्तित कर दिया गया है। इस मामले में किसानों ने जिला प्रशासन द्वारा जारी नोटिस का विरोध किया है, जिसमें उनसे जमीन खाली करने के निर्देश दिए गए हैं।
किसान नेताओं की प्रतिक्रिया
किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि जमीन के मालिकाना हक के दस्तावेज़ों में परिवर्तन किया गया है। स्वामी विवेकानंद सेना के अध्यक्ष अन्नीगेरी का कहना है कि वक्फ मंत्री जमीर अहमद खान ने वक्फ बोर्ड की बैठक में सर्वेक्षण की अंतिम तिथि निर्धारित की थी, लेकिन इसके बाद आरटीसी दस्तावेजों में यह जिक्र किया गया कि ये जमीनें वक्फ की हैं।
गृहमंत्री का बयान और सरकार का कदम
कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वरा ने कहा है कि सरकार इस मुद्दे की समीक्षा करेगी। उन्होंने आश्वासन दिया है कि पुराने रिकॉर्ड के आधार पर निष्पक्ष निर्णय लिया जाएगा। गृहमंत्री ने कहा कि सरकार किसी भी किसान के अधिकारों का हनन नहीं होने देगी।
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या की टिप्पणी
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस के प्रभावशाली नेताओं ने वक्फ के नाम पर किसानों की जमीन पर कब्जा किया है। उन्होंने किसानों के समर्थन में अपनी बात रखते हुए कहा कि किसानों का हित सर्वोपरि होना चाहिए।
किसानों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रशासनिक उपाय
किसानों का कहना है कि वक्फ के दावे के बाद उन्हें बैंकों से लोन प्राप्त करने में भी कठिनाई हो रही है और वे अपनी जमीनें बेचने में असमर्थ हो गए हैं। राज्य सरकार और राजस्व विभाग इस मामले में उचित कदम उठाने की प्रक्रिया में है ताकि किसानों के हितों की रक्षा की जा सके।
वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर पुनर्विचार
वक्फ मंत्री जमीर अहमद खान ने कहा है कि वक्फ बोर्ड की सिर्फ 23,000 एकड़ जमीन पर ही बोर्ड का अधिकार है, जबकि राज्य में वक्फ की कुल जमीन एक लाख बारह हजार एकड़ है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे और इस मुद्दे को कानूनी तौर पर सुलझाने की प्रक्रिया जारी है।
अन्य राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रिया
कर्नाटक सरकार के मंत्री दिनेश गुंडू राव ने भी भाजपा के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी सूर्या स्थिति को राजनीतिक रंग दे रहे हैं। उनका कहना है कि किसानों के अधिकारों को कोई खतरा नहीं है और उनके हित सर्वोपरि हैं।
निष्कर्ष
वक्फ बोर्ड और किसानों के बीच जमीन विवाद का यह मुद्दा कर्नाटक में एक बड़ी समस्या के रूप में उभरा है। सरकार ने इस पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है, जिससे किसानों के अधिकारों की सुरक्षा की जा सकेगी। उम्मीद है कि जल्द ही इस विवाद का समाधान होगा।
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