क्या बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा खतरे में है? भारत की सख्त प्रतिक्रिया के बाद क्या बदलेगा कुछ?

भारत ने बांग्लादेश में हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर गहरी चिंता जताई। क्या बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी?

Nov 26, 2024 - 12:04
Nov 28, 2024 - 14:51
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क्या बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा खतरे में है? भारत की सख्त प्रतिक्रिया के बाद क्या बदलेगा कुछ?
Chinmoy Krishna Das, a Hindu leader associated with the International Society for Krishna Consciousness (ISKCON)

भारत ने जताई गहरी चिंता, बांग्लादेश में हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी पर उठे सवाल

बांग्लादेश में हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी ने बढ़ाई चिंता

बांग्लादेश में इस्कॉन के पुजारी और Sammilit Sanatan Jagran Jote के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने भारत और बांग्लादेश के संबंधों में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। भारत ने इस गिरफ्तारी पर गहरी चिंता व्यक्त की है और बांग्लादेश से हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

क्या है मामला?

चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया। मंगलवार को चटगांव की एक अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया। दास और अन्य 18 लोगों पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का आरोप है।

यह मामला चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। आरोप लगाया गया कि हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हुआ।

भारत का सख्त बयान

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस गिरफ्तारी पर तीखी प्रतिक्रिया दी। बयान में कहा गया,

"यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखने वाले धार्मिक नेता पर आरोप लगाए जा रहे हैं, जबकि अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के अपराधी अब तक आज़ाद घूम रहे हैं।"

MEA ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हाल के वर्षों में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा, लूटपाट और मंदिरों के अपमान की घटनाएं बढ़ी हैं।

अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर भारत का रुख

भारत ने बांग्लादेश को याद दिलाया कि अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देना हर लोकतांत्रिक देश की जिम्मेदारी है। MEA ने बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की अपील की है।

कोर्ट के बाहर प्रदर्शन

चटगांव कोर्ट में जमानत याचिका खारिज होने के बाद, दास के समर्थकों ने कोर्ट परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दास ने केवल हिंदू समुदाय के अधिकारों की मांग की थी, फिर उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया?

क्या हिंदू समुदाय असुरक्षित है?

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय ने कई बार अपनी सुरक्षा को लेकर आवाज उठाई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंदुओं के घरों और व्यवसायों पर हमले, मंदिरों में तोड़फोड़ और मूर्तियों का अपमान आम घटनाएं बन गई हैं।

राजनीतिक और कूटनीतिक असर

इस घटना ने भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है। भारत ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और बांग्लादेश के अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

क्या होगा आगे?

इस पूरे प्रकरण ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक अधिकारों और उनके साथ होने वाले भेदभाव को फिर से उजागर किया है। यह देखना बाकी है कि बांग्लादेश सरकार इन आरोपों पर क्या कदम उठाती है और क्या भारत की कूटनीतिक अपील का असर होगा।

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