क्या भारत-पाक संघर्ष के बाद सरकार की रणनीति पर सवाल उठाना जायज़ है?
2025 में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद सरकार की रणनीति का विश्लेषण। आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय समर्थन पर विस्तृत जानकारी।

? सारांश:
2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के बाद, कुछ लोगों द्वारा सरकार की रणनीति पर सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि, सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को मजबूत किया। इस लेख में, हम सरकार की कार्रवाईयों का विश्लेषण करेंगे और उन आलोचनाओं का जवाब देंगे जो इसके खिलाफ उठाई गई हैं।
?? भारत की निर्णायक कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर
7 मई 2025 को, भारतीय वायुसेना ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया गया। सरकार ने स्पष्ट किया कि ये हमले केवल आतंकवादी ठिकानों पर केंद्रित थे और नागरिकों को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था।
? अंतरराष्ट्रीय समर्थन और कूटनीतिक सफलता
भारत की कार्रवाईयों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मिला। संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, और खाड़ी देशों ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की सराहना की। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा की और दोनों देशों के नेताओं की प्रशंसा की।
? इंडस जल संधि का निलंबन: एक आवश्यक कदम
पाहलगाम हमले के बाद, भारत ने 1960 की इंडस जल संधि को निलंबित कर दिया। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया, क्योंकि पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने के आरोप थे। इस कदम से पाकिस्तान में जल संकट उत्पन्न हुआ, लेकिन यह भारत की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का संकेत था।
?️ आलोचनाओं का विश्लेषण: क्या वे उचित हैं?
कुछ लोग, विशेषकर पश्चिम बंगाल के कुछ वर्ग, सरकार की कार्रवाईयों की आलोचना कर रहे हैं। वे कहते हैं कि युद्ध से कोई लाभ नहीं हुआ और पाकिस्तान को IMF से सहायता मिल गई। हालांकि, यह आलोचना तथ्यों पर आधारित नहीं है।
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आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश: भारत ने स्पष्ट कर दिया कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति मजबूत हुई: भारत की कार्रवाईयों को वैश्विक समर्थन मिला।
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राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता: सरकार ने देश की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा।
? निष्कर्ष:
भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए और देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी। जो लोग इन कार्रवाईयों की आलोचना कर रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। सरकार की रणनीति ने भारत की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत किया और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया।
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