गूगल का अगला कदम: AI के लिए SMRs के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा
गूगल ने दुनिया का पहला निजी मिनी-न्यूक्लियर रिएक्टर खरीदा, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए स्वच्छ और विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान करेगा। यह रिएक्टर 2030 तक ऑनलाइन होंगे और 500 मेगावाट की स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करेंगे।

1. गूगल का नया कदम:
गूगल ने कैलिफ़ोर्निया की Kairos Power से छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) खरीदने का सौदा किया है। ये SMRs 2030 तक ऑनलाइन होंगे और 2035 तक पूरी तरह चालू होंगे। गूगल के ये SMRs 500 मेगावाट की स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करेंगे। AI के बढ़ते उपयोग के साथ गूगल की ऊर्जा आवश्यकताएँ भी बढ़ रही हैं। SMRs का उपयोग करके, गूगल कार्बन-फ्री ऊर्जा के स्रोत को चुनेगा। SMRs 24/7 बिजली प्रदान करेंगे, जिससे AI आधारित सेवाओं को बेहतर बनाया जा सकेगा। यह कदम नई तकनीकों के लिए स्वच्छ और विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान करने में मदद करेगा।
2. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऊर्जा की आवश्यकता:
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की प्रगति के कारण ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ रही है। गूगल जैसे बड़े तकनीकी कंपनियों को अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। AI को चलाने के लिए बड़े पैमाने पर डेटा सेंटर की जरूरत होती है, जो उच्च ऊर्जा की खपत करते हैं। गूगल ने SMRs को चुना है, क्योंकि ये दिन-रात स्वच्छ और निरंतर ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं। AI में ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए SMRs एक आदर्श समाधान हैं। इससे गूगल को अपने AI संचालित उत्पादों और सेवाओं को और भी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
3. Kairos Power और SMRs की क्षमता:
Kairos Power की SMRs तकनीक को विश्वसनीय, कम लागत और तेजी से निर्माण होने वाले न्यूक्लियर रिएक्टर्स के रूप में देखा जा रहा है। Kairos के ये रिएक्टर्स 500 मेगावाट तक की बिजली उत्पन्न कर सकते हैं, जो कि एक छोटे शहर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। Kairos ने SMRs को ऐसी तकनीक के रूप में विकसित किया है जिसे साइट पर असेंबल किया जा सकता है। इस तकनीक का प्राथमिक लक्ष्य स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करना है। गूगल की इस साझेदारी से SMRs के व्यावसायिक इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा। SMRs को 2030 तक पहली बार व्यावसायिक रूप से लॉन्च किया जाएगा।
4. SMRs की पर्यावरणीय लाभ:
SMRs के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी। ये रिएक्टर स्थिर और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करेंगे, जिससे अन्य प्रदूषणकारी ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम होगी। बड़ी मात्रा में बिजली उत्पादन के लिए प्राकृतिक गैस, कोयला और अन्य जीवाश्म ईंधन की जगह SMRs का उपयोग किया जा सकता है। इस तकनीक से डेटा सेंटर जैसे भारी ऊर्जा उपभोक्ताओं को लाभ होगा। साथ ही, यह तकनीक दीर्घकालिक ऊर्जा समाधान प्रदान करेगी, जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित है। SMRs के माध्यम से गूगल 100% स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है।
5. अन्य बड़ी तकनीकी कंपनियों के कदम:
गूगल अकेली तकनीकी कंपनी नहीं है जो न्यूक्लियर ऊर्जा को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में पेंसिल्वेनिया के Three Mile Island न्यूक्लियर प्लांट से 20 साल की बिजली खरीदने का सौदा किया है। इसी तरह, अमेज़न ने भी 960 मेगावाट की न्यूक्लियर पावर से संचालित डेटा सेंटर खरीदने की घोषणा की है। बड़ी तकनीकी कंपनियों को AI के विस्तार के कारण भारी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता है। SMRs के माध्यम से यह मांग पूरी की जा सकती है। इन कंपनियों के ये कदम न्यूक्लियर ऊर्जा के भविष्य को आकार देने में मदद करेंगे।
6. SMRs का निर्माण और चुनौती:
SMRs को फैक्ट्री में निर्मित किया जाता है और साइट पर असेंबल किया जाता है। यह प्रक्रिया बड़े पारंपरिक न्यूक्लियर प्लांट्स की तुलना में कम खर्चीली मानी जाती है। हालांकि, SMRs की कुछ आलोचनाएं भी हैं, जैसे कि इनकी लागत को लेकर। आलोचकों का कहना है कि बड़े संयंत्रों की तुलना में SMRs कम उत्पादन क्षमता के कारण महंगे साबित हो सकते हैं। इसके अलावा, SMRs के साथ रेडियोएक्टिव वेस्ट की समस्या भी रहती है। हालांकि, गूगल जैसे कंपनियों की दीर्घकालिक निवेश योजनाएं इन चुनौतियों को दूर करने की कोशिश कर रही हैं।
7. 2030 तक गूगल का लक्ष्य:
गूगल ने 2030 तक पूरी तरह से कार्बन-फ्री ऊर्जा पर स्विच करने का लक्ष्य रखा है। SMRs इस दिशा में गूगल के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे। गूगल ने Kairos Power के साथ यह दीर्घकालिक साझेदारी की है ताकि SMRs का विकास तेजी से हो सके। इससे गूगल को स्वच्छ, विश्वसनीय और निरंतर ऊर्जा प्राप्त होगी। AI की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए SMRs एक स्थायी समाधान प्रदान करेंगे। गूगल की यह पहल उसे अन्य तकनीकी कंपनियों से एक कदम आगे ले जाएगी।
8. SMRs के विकास की प्रक्रिया:
SMRs को निर्माण और डिजाइन के लिए U.S. Nuclear Regulatory Commission से अनुमतियाँ लेनी होती हैं। यह प्रक्रिया वर्षों तक चल सकती है क्योंकि सुरक्षा और अन्य मुद्दों पर गहन परीक्षण किया जाता है। Kairos Power ने पिछले साल अपने पहले डेमोंस्ट्रेशन रिएक्टर के लिए टेनेसी में निर्माण परमिट प्राप्त किया था। अब, कंपनी व्यावसायिक SMRs के लिए काम कर रही है। इस कदम से न्यूक्लियर ऊर्जा के क्षेत्र में SMRs के लिए नई संभावनाएँ खुलेंगी।
9. न्यूक्लियर ऊर्जा के भविष्य पर SMRs का प्रभाव:
SMRs न्यूक्लियर ऊर्जा के भविष्य को पूरी तरह बदल सकते हैं। यह तकनीक न केवल ऊर्जा उत्पादन में क्रांति ला सकती है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को भी काफी कम कर सकती है। SMRs का उपयोग डेटा सेंटर और बड़े औद्योगिक संयंत्रों को स्थिर और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने के लिए किया जाएगा। Rolls-Royce जैसी कंपनियां भी SMRs में निवेश कर रही हैं। यह तकनीक भारी औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा कर सकती है। SMRs न्यूक्लियर ऊर्जा के एक सुरक्षित और किफायती भविष्य की ओर इशारा कर रहे हैं।
10. गूगल की ऊर्जा रणनीति:
गूगल ने दीर्घकालिक ऊर्जा समाधान के लिए SMRs को चुना है। गूगल का यह निवेश एक संकेत है कि तकनीकी कंपनियों को ऊर्जा की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के लिए न्यूक्लियर ऊर्जा जैसे स्वच्छ स्रोतों की ओर देखना होगा। गूगल का मानना है कि SMRs ऊर्जा उत्पादन के लिए एक स्थिर और विश्वसनीय समाधान हैं। इस रणनीति के माध्यम से गूगल न केवल अपने AI उत्पादों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित बनाएगा।
What's Your Reaction?






