क्या कृत्रिम बारिश से बचेगी दिल्ली की हवा? पहली बार हो रहा Cloud Seeding!

दिल्ली में पहली बार कृत्रिम बारिश के जरिए प्रदूषण कम करने की कोशिश की जा रही है। जानिए कैसे काम करती है Cloud Seeding तकनीक।

Jul 2, 2025 - 18:15
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क्या कृत्रिम बारिश से बचेगी दिल्ली की हवा? पहली बार हो रहा Cloud Seeding!
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1. क्या कृत्रिम बारिश से बचेगी दिल्ली की हवा? पहली बार हो रहा Cloud Seeding!

दिल्ली में पहली बार कृत्रिम बारिश! क्या वाकई इससे कम होगा प्रदूषण?

दिल्ली में प्रदूषण की समस्या कोई नई नहीं है। हर साल सर्दियों के मौसम में हवा जहरीली हो जाती है, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है, बुज़ुर्ग और बच्चे सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं।

लेकिन अब इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया जा रहा है — कृत्रिम बारिश
जी हां, 4 जुलाई से 11 जुलाई तक दिल्ली में पहली बार कृत्रिम रूप से बारिश कराने की योजना बनाई गई है, जिससे वायु प्रदूषण को कम किया जा सके।


☁️ क्या है कृत्रिम बारिश? कैसे होती है?

कृत्रिम बारिश को अंग्रेज़ी में "Cloud Seeding" कहा जाता है। यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें विमान के ज़रिए बादलों में एक विशेष रासायनिक पदार्थ — Silver Iodide — छोड़ा जाता है।

जब सिल्वर आयोडाइड बादलों में मिलती है, तो यह जलवाष्प को संघनित करती है और फिर बारिश के रूप में धरती पर गिरती है।

इस तरह बिना प्राकृतिक वर्षा के भी बादलों से बारिश कराई जाती है।


?️ कौन कर रहा है यह अनोखा प्रयोग?

इस ऐतिहासिक पहल को दो प्रमुख संस्थान मिलकर अंजाम दे रहे हैं:

  • IIT कानपुर

  • IMD पुणे (भारतीय मौसम विभाग)

दोनों मिलकर 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में यह प्रयोग करेंगे। इसका मकसद है — दिल्ली की हवा को साफ करना और आम नागरिकों को राहत पहुंचाना।


?️ दिल्ली में प्रदूषण की हालत कितनी खराब?

  • दिल्ली की हवा का AQI (Air Quality Index) कई बार 400 से ऊपर चला जाता है, जो "गंभीर" श्रेणी में आता है।

  • धूल, धुआं, वाहन उत्सर्जन, निर्माण कार्य, और पराली जलाना इसके प्रमुख कारण हैं।

  • इससे सांस की बीमारियाँ, खांसी, फेफड़ों में जलन, आंखों में खुजली, और त्वचा की समस्याएं होती हैं।


?️ कृत्रिम बारिश से कैसे मिलेगी राहत?

  • बारिश से हवा में मौजूद प्रदूषण के कण नीचे गिर जाते हैं।

  • PM 2.5 और PM 10 जैसे हानिकारक कण भी धो दिए जाते हैं।

  • इससे वायु की गुणवत्ता में तत्काल सुधार होता है।

  • लोगों को सांस लेने में राहत मिलती है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों को।


? इससे हमें क्या सीख मिलती है?

  1. विज्ञान और तकनीक का सही उपयोग पर्यावरण सुधार के लिए किया जा सकता है।

  2. जब सरकार और वैज्ञानिक संस्थाएं साथ मिलकर काम करें, तो बड़े बदलाव संभव हैं।

  3. प्रदूषण से लड़ने के लिए नवाचार (innovation) ज़रूरी है।

  4. हमें नियमित रूप से मॉनिटरिंग और सुधार की ओर ध्यान देना चाहिए।


❓ इस समस्या को स्थायी रूप से कैसे रोक सकते हैं?

कृत्रिम बारिश एक अस्थायी समाधान है। हमें कुछ स्थायी उपाय भी अपनाने होंगे:

  • वाहनों की संख्या घटाना और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना।

  • पेड़-पौधे लगाना और हरियाली को बढ़ाना।

  • निर्माण कार्यों में धूल नियंत्रण के उपाय अपनाना।

  • पराली जलाने पर सख्त नियंत्रण।

  • उद्योगों से निकलने वाले धुएं को नियंत्रित करना।


? यह अन्य लोगों के लिए कैसे सहायक हो सकता है?

  • यह प्रयोग अन्य बड़े शहरों जैसे मुंबई, कोलकाता, पटना आदि में भी लागू किया जा सकता है।

  • लोग सीख सकते हैं कि सरकार और वैज्ञानिक मिलकर कैसे समाधान निकालते हैं

  • यह छात्रों के लिए एक अध्ययन का अच्छा उदाहरण हो सकता है।

  • इससे प्रेरित होकर लोग स्वस्थ वातावरण के लिए जागरूक हो सकते हैं


? निष्कर्ष:

दिल्ली में कृत्रिम बारिश का यह प्रयास एक ऐतिहासिक कदम है।
यह न सिर्फ तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दिल्ली जैसे महानगरों को साफ-सुथरा और रहने लायक बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है।

अगर यह प्रयोग सफल होता है, तो यह भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन सकता है।


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