सीआरपीएफ अफसरों के राशन मनी भत्ते में कटौती: हर महीने 4000 रुपये का नुकसान, अधिकारियों में बढ़ी नाराजगी
केंद्रीय गृह मंत्रालय के हालिया आदेश के बाद सीआरपीएफ में ड्यूटी बटालियन से इतर तैनात अधिकारियों के राशन मनी भत्ते में कटौती की गई है, जिससे हर महीने उन्हें लगभग 4000 रुपये का नुकसान हो रहा है।

सीआरपीएफ अधिकारियों का भत्ता बंद: क्यों हो रहा है आर्थिक नुकसान?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय की पुलिस 2 डिवीजन ने एक आदेश जारी किया, जिसमें सीआरपीएफ अधिकारियों का राशन मनी भत्ता बंद करने की बात कही गई। इस आदेश के बाद सीआरपीएफ महानिदेशालय ने सहायक कमांडेंट से लेकर कमांडेंट रैंक के अधिकारियों का राशन मनी भत्ता रोकने का फैसला लिया। इस फैसले से हर अधिकारी को प्रतिमाह औसतन 4000 रुपये का नुकसान हो रहा है, जिससे उनमें निराशा का माहौल है।
गृह मंत्रालय का आदेश और उसका असर
गृह मंत्रालय के इस आदेश के तहत अब केवल ड्यूटी बटालियन में तैनात अधिकारियों को ही राशन मनी भत्ता मिलेगा। अन्य स्थानों जैसे ग्रुप सेंटर, ट्रेनिंग सेंटर और सेक्टर मुख्यालय में तैनात अधिकारियों को इस भत्ते से वंचित कर दिया गया है। इस फैसले ने अधिकारियों के मनोबल पर गहरा प्रभाव डाला है, और कई अधिकारियों ने इसे मनोबल तोड़ने वाला आदेश बताया है।
अधिकारियों की प्रतिक्रियाएं और नाराजगी
सीआरपीएफ के ग्राउंड कमांडर, डिप्टी कमांडेंट और अन्य उच्च अधिकारियों में इस आदेश से गहरा असंतोष देखा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला उनके मनोबल और वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक असर डाल रहा है। विशेष रूप से ऐसे समय में जब महंगाई की मार सभी पर भारी पड़ रही है, यह आदेश उन्हें और भी मुश्किलों में डाल रहा है।
कोर्ट का आदेश और पुराने भत्ते का इतिहास
2020 में सीआरपीएफ के सेकेंड इन कमांड विक्रम सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह मुद्दा उठाया था कि डिटेचमेंट अलाउंस और राशन मनी भत्ते में कोई संबंध नहीं होना चाहिए। अदालत ने उनके तर्क को सही मानते हुए सभी अधिकारियों को दोनों भत्ते देने का आदेश दिया था। लेकिन हाल ही के आदेश से पुराने नियमों को बदल दिया गया है, जिससे केवल ड्यूटी बटालियन में तैनात अधिकारियों को ही राशन मनी मिल पाएगा।
नई नीति के पीछे की वजह
सूत्रों के अनुसार, इस नई नीति के पीछे कानूनी अड़चनों को कारण बताया जा रहा है। गृह मंत्रालय ने इस नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि केवल ड्यूटी बटालियन में ही यह भत्ता दिया जाएगा। इसका मतलब है कि ग्रुप सेंटर, सेक्टर, और ट्रेनिंग सेंटर में तैनात अधिकारी अब इस सुविधा से वंचित रहेंगे।
भविष्य की संभावनाएं और अपील
सीआरपीएफ अधिकारियों की मांग है कि इस आदेश पर पुनर्विचार किया जाए ताकि उन्हें आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि इस मामले में जल्द ही सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
Conclusion: सीआरपीएफ में राशन मनी भत्ते की कटौती ने अधिकारियों में असंतोष पैदा कर दिया है। गृह मंत्रालय के आदेश ने जहां एक ओर आर्थिक चुनौतियां बढ़ा दी हैं, वहीं अधिकारियों के बीच नई नीतियों पर नाराजगी साफ नजर आ रही है।
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