सीआरपीएफ बटालियनों का पुनर्गठन: ऑपरेशनल दक्षता और परिवार समय बढ़ाने की योजना
सीआरपीएफ ने ऑपरेशनल दक्षता बढ़ाने और कर्मियों को परिवार के करीब रखने के लिए 130 से अधिक बटालियनों का पुनर्गठन करने की योजना बनाई है।

सीआरपीएफ के 130 से अधिक बटालियनों का पुनर्गठन: ऑपरेशनल दक्षता और परिवार के साथ अधिक समय
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने अपनी ऑपरेशनल दक्षता को बढ़ाने और कर्मियों को उनके परिवारों के साथ अधिक समय बिताने के उद्देश्य से 130 से अधिक बटालियनों का पुनर्गठन करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत, इन बटालियनों को भौगोलिक रूप से नजदीकी ग्रुप सेंटर से जोड़ा जाएगा, जिससे लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति संबंधी समस्याओं में सुधार किया जा सकेगा। यह पुनर्गठन प्रक्रिया 1 दिसंबर से प्रभावी होगी।
मुख्य बिंदु:
1. उद्देश्य और योजना: यह योजना CRPF की 248 बटालियनों में से 137 को नजदीकी ग्रुप सेंटर से जोड़ने के लिए बनाई गई है, जिससे सैनिकों की यात्रा में लगने वाले समय और थकान को कम किया जा सके।
2. सुरक्षा बलों की स्थिति: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों, उत्तर-पूर्वी भारत और जम्मू-कश्मीर में तैनात बटालियनों को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए पुनर्गठन किया जाएगा। VIP सुरक्षा और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) इस पुनर्गठन में शामिल नहीं होंगे।
3. लाभ: इस पुनर्गठन से जवानों को अपने परिवार के करीब रहने का अवसर मिलेगा और लॉजिस्टिक्स में सुधार होगा। इसके अलावा, प्रशासनिक और ऑपरेशनल दक्षता में वृद्धि होगी।
4. चुनौतियाँ: हालांकि, कुछ अधिकारियों का मानना है कि इस योजना से बड़े पैमाने पर प्रशासनिक बोझ बढ़ सकता है, क्योंकि कई रिकॉर्ड्स को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करना होगा।
5. विस्तारित तैनाती: पिछले कुछ वर्षों में सीआरपीएफ की गतिविधियों में वृद्धि हुई है, जिससे नक्सल विरोधी और आतंकवाद विरोधी अभियानों में उनकी तैनाती व्यापक हुई है।
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