वैज्ञानिकों ने खोजा "चिकन या अंडा" के रहस्य का जवाब, क्या पहले आया था अंडा?
वैज्ञानिकों ने "चिकन या अंडा" के पुराने सवाल का जवाब खोज निकाला है। रिसर्च बताती है कि अंडे की उत्पत्ति मुर्गियों से अरबों साल पहले हुई थी। जानें इस अद्भुत खोज के बारे में।

वैज्ञानिकों ने "चिकन या अंडा" के सवाल का दिया वैज्ञानिक जवाब
"चिकन या अंडा" का सवाल सदियों से विज्ञान और दर्शन का एक ज्वलंत मुद्दा रहा है। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने इस पुराने सवाल का जवाब खोजने का दावा किया है। नई खोज में यह साबित हुआ है कि अंडे का अस्तित्व मुर्गियों के विकसित होने से अरबों साल पहले ही हो गया था।
क्या था सवाल?
"पहले अंडा आया या चिकन?" यह सवाल इसलिए पेचीदा है क्योंकि अंडे के बिना मुर्गी नहीं हो सकती, और मुर्गी के बिना अंडा नहीं। इस सवाल ने वैज्ञानिकों और दार्शनिकों को लंबे समय तक उलझाए रखा, लेकिन अब आधुनिक विज्ञान ने इसे हल कर दिया है।
शोध का मुख्य आधार: पुराना जीवाश्म
2017 में वैज्ञानिकों ने Chromosphaera perkinsii नामक एक जीवाश्म की खोज की, जो अरबों साल पहले का है। यह जीवाश्म हवाई द्वीप में पाया गया था और इसे शोधकर्ताओं ने अंडे के शुरुआती स्वरूप का पूर्वज माना।
जेनेवा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस जीवाश्म पर शोध किया और पाया कि यह जीवाश्म अपने जीवनचक्र में मल्टीसेलुलर संरचनाएं बनाता था, जो जानवरों के भ्रूण के शुरुआती चरणों से मिलती-जुलती थीं।
अंडे की उत्पत्ति का रहस्य
वैज्ञानिकों के अनुसार, अंडे की उत्पत्ति अरबों साल पहले हुई, जब पृथ्वी पर केवल एककोशिकीय जीव मौजूद थे। Chromosphaera perkinsii नामक यह जीव एक कोशिका से विभाजित होकर मल्टीसेलुलर उपनिवेश बनाता था। यह प्रक्रिया बिल्कुल वैसे ही होती थी जैसे आज जानवरों में भ्रूण का विकास होता है।
शोध के प्रमुख लेखक ओमाया डुडिन के अनुसार, "हालांकि C. perkinsii एककोशिकीय जीव है, लेकिन इसमें बहुकोशिकीय समन्वय और भिन्नता की प्रक्रियाएं पहले से ही मौजूद थीं। यह दर्शाता है कि अंडे बनाने के लिए आवश्यक जेनेटिक टूल्स जानवरों के विकास से बहुत पहले ही विकसित हो गए थे।"
चिकन का इतिहास: कब और कैसे हुआ विकास?
वैज्ञानिकों का मानना है कि पहली मुर्गी का जन्म दो प्रोटो-चिकन्स के डीएनए के संयोजन और उत्परिवर्तन के कारण हुआ। यह प्रक्रिया लगभग 58,000 साल पहले दक्षिण-पूर्व एशिया में हुई।
पहली मुर्गी के पूर्वज रेड जंगलफाउल (Gallus gallus) थे, जिन्हें मनुष्यों ने 10,000 साल पहले पालतू बनाया। यह प्रजाति कम आक्रामक और बेहतर अंडे देने वाली थी, जिससे घरेलू मुर्गियों का विकास हुआ।
अंडे और चिकन के बीच का संबंध
वैज्ञानिकों ने अंडे की संरचना और उसके निर्माण के लिए आवश्यक प्रोटीन ओवोक्लेडिन-17 (OC-17) पर भी अध्ययन किया। यह प्रोटीन केवल मुर्गियों के अंडाशय में पाया जाता है और यह कैल्शियम कार्बोनेट क्रिस्टल के निर्माण में मदद करता है, जो अंडे के छिलके का मुख्य घटक है।
हालांकि, यह स्पष्ट है कि चिकन अंडे का निर्माण पहले नहीं हुआ। अम्नियोटिक अंडों का विकास लगभग 340 मिलियन साल पहले हुआ था, जबकि पहली मुर्गी का अस्तित्व केवल हजारों साल पहले शुरू हुआ।
शोध का महत्व
यह खोज न केवल वैज्ञानिक उत्सुकता को संतुष्ट करती है, बल्कि यह दर्शाती है कि पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति और विकास कितना जटिल और दिलचस्प है। यह शोध इस सवाल को भी छूता है कि कैसे एककोशिकीय जीव से बहुकोशिकीय जीवों का विकास हुआ।
निष्कर्ष
"चिकन या अंडा" का सवाल अब वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सुलझ गया है। अंडे का अस्तित्व चिकन से अरबों साल पहले हुआ था। यह खोज यह भी दर्शाती है कि प्राकृतिक विकास की प्रक्रिया कितनी विस्तृत और अद्भुत है।
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