हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के बीच BCCI पर बांग्लादेशी क्रिकेटरों का स्वागत करने पर सवाल

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के बीच, भारतीय सोशल मीडिया पर BCCI को बांग्लादेशी क्रिकेटरों का स्वागत करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

Sep 20, 2024 - 03:06
Sep 20, 2024 - 03:11
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हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के बीच BCCI पर बांग्लादेशी क्रिकेटरों का स्वागत करने पर सवाल
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ भारतीय सोशल मीडिया पर BCCI की आलोचना।

मुख्य बिंदु:

 

1. BCCI पर सोशल मीडिया का आक्रोश 

   भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स ने BCCI पर कड़ा प्रहार किया है, क्योंकि उसने बांग्लादेश के साथ टेस्ट और T20 सीरीज़ को भारतीय धरती पर आयोजित करने की अनुमति दी, जबकि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार जारी है। कई लोगों ने इस मुद्दे पर BCCI की चुप्पी और बांग्लादेशी क्रिकेटरों का भव्य स्वागत करने पर नाराजगी जताई है।

 

2. चन्नई में बांग्लादेशी टीम का गर्मजोशी से स्वागत  

   यह मामला तब और गरमाया जब 15 सितंबर को बांग्लादेश की क्रिकेट टीम का चन्नई में पहले टेस्ट मैच से पहले गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस बीच, सोशल मीडिया पर कई लोगों ने सवाल उठाया कि हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के बावजूद, बांग्लादेशी खिलाड़ियों को भारत में इस तरह सम्मानित क्यों किया जा रहा है।

 

3. हिंदू नरसंहार का समर्थन करने वालों पर सवाल 

   ट्विटर पर 'Mr Sinha' जैसे यूजर्स ने लिखा कि "हम इन बांग्लादेशी क्रिकेटरों को सम्मानित मेहमान की तरह स्वागत कर रहे हैं, जबकि ये लोग बांग्लादेश में हिंदू नरसंहार के मौन समर्थक हैं।" कई लोग इसे हिंदू समुदाय के खिलाफ अपमान मानते हैं, खासकर जब बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक बर्बर हिंसा का सामना कर रहे हैं।

 

4. पत्रकारों और आध्यात्मिक नेताओं का गुस्सा

   पत्रकार अजीत भारती ने BCCI की आलोचना करते हुए लिखा, "शर्मनाक BCCI! पैसों के लिए पाकिस्तानी टीम के सामने नाचने से लेकर अब यह, एक नया निचला स्तर।" वहीं, आध्यात्मिक नेता राधारमण दास ने ट्वीट किया, "जब पूरी दुनिया में हिंदू अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, तब BCCI ने बांग्लादेशी क्रिकेटरों का स्वागत किया। यह बेहद शर्मनाक है।"

 

5. हिंदू समुदाय में गुस्सा और बहिष्कार की मांग

   कई उद्यमियों और लेखकों ने भी भारत-बांग्लादेश क्रिकेट सीरीज़ का बहिष्कार करने की बात कही। अरुण कृष्णन ने कहा, "शर्म करो BCCI, मैं और करोड़ों स्वाभिमानी हिंदू इस सीरीज़ को नहीं देखेंगे। ये लोग ब्लैक लाइव्स मैटर के लिए घुटने टेक सकते हैं, लेकिन बांग्लादेश में मारे जा रहे हिंदुओं के लिए कोई आवाज़ नहीं उठा सकते।"

 

6. क्रिकेटरों की चुप्पी पर सवाल

   मीडिया पोर्टल 'Hindu Post' ने भारतीय क्रिकेटरों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने लिखा, "क्यों एक भी हिंदू क्रिकेटर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करता?" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केवल दानिश कनेरिया ही एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्होंने पाकिस्तान के हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठाई है।

 

7. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार  

   बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद से हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं। अब तक 205 से अधिक हिंदू मंदिरों, दुकानों और व्यवसायों पर हमले हो चुके हैं। एक युवा हिंदू लड़के, उत्सव मंडल, को 'ईशनिंदा' के आरोप में लगभग मार डाला गया था। इसके अलावा, मुस्लिम छात्रों ने लगभग 60 हिंदू शिक्षकों और सरकारी अधिकारियों को उनके पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया है।

 

8. मानवाधिकारों का उल्लंघन और अंतर्राष्ट्रीय चुप्पी 

   बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे हमलों और उत्पीड़न पर मानवाधिकार संगठन और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया काफी हद तक चुप हैं। हालांकि जब भारत में छोटी घटनाएं भी होती हैं, तो ये संगठन तुरंत बोल पड़ते हैं। बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर यह अंतर्राष्ट्रीय चुप्पी एक गंभीर सवाल खड़ा करती है।

 

9. BCCI और ICC की निंदा

   कई लोग BCCI और ICC की आलोचना कर रहे हैं कि उन्होंने ऐसे समय में बांग्लादेशी क्रिकेटरों का स्वागत किया, जब बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ बर्बरता हो रही है। सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि BCCI ने हिंदुओं की भावना और उनके संघर्षों की पूरी तरह अनदेखी की है।

 

10. दुनिया की प्रतिक्रिया और हिंदू समुदाय का आत्म-सम्मान

   इस पूरे विवाद से यह सवाल उठता है कि क्या हिंदू समुदाय को अपने आत्म-सम्मान के लिए खड़ा होना चाहिए। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि जब तक हिंदू अपने अधिकारों और आत्म-सम्मान के लिए आवाज़ नहीं उठाते, तब तक इस प्रकार की घटनाएं होती रहेंगी।

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