जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाली के खिलाफ बढ़ता आक्रोश: विशेष दर्जा के विरोध में गूंजती आवाजें
अनुच्छेद 370 की बहाली के प्रस्ताव के विरोध में जम्मू-कश्मीर में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गोरखा, वाल्मीकि समाज और पाकिस्तानी विस्थापित अधिकारों की सुरक्षा के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। यह लेख घटनाओं का विस्तृत विवरण प्रदान करता है।

अनुच्छेद 370 बहाली के विरोध में जम्मू-कश्मीर की आवाज
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर विरोध-प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं। गोरखा, वाल्मीकि समाज और पाकिस्तानी विस्थापितों ने उमर सरकार के इस कदम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन समुदायों का कहना है कि उनके अधिकारों को दोबारा छीनने का प्रयास हो रहा है। ये प्रदर्शनकारियों किसी भी स्थिति में अनुच्छेद 370 को फिर से लागू नहीं होने देने का संकल्प ले चुके हैं।
1. उमर सरकार के फैसले के विरोध में प्रदर्शन
गोरखा और वाल्मीकि समाज के लोगों का कहना है कि उन्हें पीढ़ियों तक संघर्ष करने के बाद अधिकार मिले थे। अनुच्छेद 370 और 35-ए के हटने के बाद उनके पास नागरिकता और अन्य मौलिक अधिकार आए। अब उमर सरकार के इस प्रस्ताव से उनका भविष्य फिर से खतरे में आ सकता है।
2. गोरखा समुदाय का आक्रोश
गोरखा समाज ने जम्मू के गोरखा नगर में बड़े प्रदर्शन का आयोजन किया। प्रदर्शन के दौरान गोरखा समाज ने कहा कि वे किसी भी हाल में अनुच्छेद 370 की बहाली नहीं होने देंगे। इस प्रदर्शन के दौरान "उमर अब्दुल्ला हाय-हाय" के नारे भी लगे। ऑल जेएंडके गोरखा सभा के प्रधान करुणा छेत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 हटाकर उन्हें न्याय दिलाया था।
3. वाल्मीकि समाज की तैयारियां
वाल्मीकि समाज भी सड़कों पर उतरने की पूरी तैयारी कर रहा है। उनका मानना है कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद ही उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित हुआ था। समाज के प्रमुख गारू भट्टी ने कहा कि वे अपनी पीढ़ियों के हक की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
4. पाकिस्तानी विस्थापितों का गुस्सा
पाकिस्तानी विस्थापितों ने भी उमर सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। लब्बा राम की अगुवाई में हुए प्रदर्शन में समुदाय के लोगों ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद ही उन्हें नागरिक अधिकार प्राप्त हुए थे। अब उन्हें फिर से उन अधिकारों से वंचित करने की कोशिश की जा रही है।
5. भाजपा का विरोध और विधानसभा में हंगामा
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भाजपा ने अनुच्छेद 370 की बहाली के प्रस्ताव का विरोध करते हुए हंगामा किया। भाजपा के नेता सुनील शर्मा ने इस प्रस्ताव को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव उन बलिदानों का अपमान है जो लोगों ने एकीकृत भारत के लिए दिए हैं।
6. नेशनल कॉन्फ्रेंस का रुख
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) का कहना है कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की पुनर्स्थापना के लिए जरूरी है। एनसी के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य के चुने हुए प्रतिनिधियों से बातचीत करनी चाहिए।
7. प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी और बयान
गोरखा समुदाय ने प्रदर्शन के दौरान "नेकां सरकार हाय-हाय" जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे हर हाल में अपने अधिकारों की रक्षा करेंगे और अनुच्छेद 370 को लागू नहीं होने देंगे।
8. भाजपा विधायकों का रोष
विधानसभा में भाजपा विधायकों ने कहा कि विशेष दर्जा बहाली का प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर के विकास को पीछे ले जाएगा। विधायकों ने जोर देकर कहा कि यह प्रस्ताव उन लोगों की भावना का अपमान है जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के लिए संघर्ष किया।
9. उपराज्यपाल से मांग
प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से मांग की है कि वे इस प्रस्ताव को खारिज करें और राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा करें।
What's Your Reaction?






