क्या अक्षय तृतीया 2025 में फिर लाएगी सोने-चांदी की बारिश? जानिए इस शुभ दिन का इतिहास, महत्व और आज की बदलती परंपराएं
Discover the historical and cultural significance of Akshaya Tritiya 2025, a highly auspicious Hindu festival, and how its traditions are evolving in today’s world.

? रिपोर्टर की नज़र से — अक्षय तृतीया 2025 पर ग्राउंड रिपोर्ट
? स्थान: वाराणसी, भारत
? तारीख: 10 मई 2025
✍️ रिपोर्टर: न्यूज़होबे स्पेशल डेस्क
हर साल की तरह इस बार भी अक्षय तृतीया का पर्व देशभर में विशेष उत्साह और भक्ति भाव से मनाया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह दिन केवल सोना-चांदी खरीदने तक सीमित नहीं है? दरअसल, इसके पीछे छिपा है ऐसा धार्मिक और ज्योतिषीय रहस्य, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
? अक्षय तृतीया: कब और क्यों मनाते हैं?
अक्षय तृतीया हर साल वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इसे 'अक्षय' यानी 'जिसका क्षय न हो' — ऐसा दिन माना जाता है, जब किए गए पुण्य, दान, और खरीदारी का अनंत फल प्राप्त होता है।
? अक्षय तृतीया 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त:
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तारीख: 10 मई 2025, शनिवार
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पूजा मुहूर्त: सुबह 5:55 से दोपहर 12:40 तक
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सोना-चांदी खरीदारी का सर्वोत्तम समय: पूरे दिन (त्रयोदशी तिथि से संयोग होने पर उत्तम योग बनता है)
?️ पौराणिक महत्व: सिर्फ सोना नहीं, आत्मिक धन की वर्षा होती है इस दिन
इस दिन से जुड़ी पौराणिक कथाएं इसे और भी विशेष बनाती हैं:
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भगवान विष्णु ने इसी दिन परशुराम अवतार लिया था।
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महाभारत काल में, पांडवों को अक्षय पात्र मिला था, जिससे कभी अन्न की कमी नहीं हुई।
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कुबेर देव को इसी दिन अपार धन का वरदान प्राप्त हुआ था।
यह दिन केवल भौतिक धन के लिए नहीं, आध्यात्मिक उन्नति और पुण्य संचय के लिए भी उपयुक्त है।
? सोना-चांदी खरीदने की होड़: परंपरा या निवेश का बहाना?
वाराणसी के प्रसिद्ध सराफा बाजार में इस दिन ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ती है। इस साल अनुमानित है कि देशभर में ₹35,000 करोड़ से अधिक का सोना-चांदी बिक सकता है। लेकिन क्या ये केवल धार्मिक कारणों से हो रहा है या इसके पीछे एक बड़ा आर्थिक मनोविज्ञान छिपा है?
बाज़ार विशेषज्ञों का मानना है कि अक्षय तृतीया एक ऐसा मौका है जब आम जनता बिना हिचक निवेश करती है — वो भी ज्योतिषीय आधार पर।
? क्या आप जानते हैं इन रोचक तथ्यों को?
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अक्षय तृतीया पर विवाह: इस दिन बिना मुहूर्त देखे विवाह करना शुभ माना जाता है।
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नई शुरुआत: व्यापार, नया घर, वाहन, भूमि क्रय आदि कार्यों के लिए अत्यंत शुभ।
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दान-पुण्य: इस दिन जल से भरे घड़े, चावल, चने, वस्त्र, छाता और स्वर्ण दान करने से पुण्य मिलता है।
? बदलते समय में अक्षय तृतीया: ऑनलाइन खरीदारी और डिजिटल दान
अब परंपरा और तकनीक साथ-साथ चल रही हैं। इस साल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे Amazon, Flipkart, और Tanishq ने खास ऑफर्स निकाले हैं। वहीं, ई-स्वर्ण बॉन्ड, डिजिटल गोल्ड, और क्रिप्टो में निवेश भी इस दिन को नया आयाम दे रहे हैं।
? जनता की राय में क्या है असली महत्त्व?
हमने वाराणसी, कोलकाता, और दिल्ली से लोगों की प्रतिक्रियाएं लीं:
?️ रेखा देवी (वाराणसी):
"मैंने अक्षय तृतीया पर हर साल कुछ न कुछ सोना ज़रूर खरीदा है। इस दिन खरीदी गई चीज़ें बरकत लाती हैं।"
?️ अमित शर्मा (दिल्ली):
"मुझे ज्यादा धार्मिक नहीं, लेकिन ये दिन निवेश के लिए सबसे सही लगता है। पिछले साल खरीदे सोने का दाम इस साल 12% बढ़ गया है।"
? सस्पेंस बना रहता है: क्या वाकई अक्षय तृतीया पर खरीदी गई चीज़ें 'अक्षय' होती हैं?
यह प्रश्न आज भी कई लोगों के मन में है। क्या ये केवल आस्था है या इसके पीछे कोई ज्योतिषीय और खगोलीय विज्ञान भी है?
ज्योतिषाचार्य डॉ. रामकांत त्रिपाठी के अनुसार, “इस दिन सूर्य और चंद्रमा उच्च राशि में होते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह तेज़ होता है।”
?️ क्या करें और क्या न करें इस दिन? (2025 गाइड)
✅ करें:
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जलदान, अन्नदान, वस्त्र दान
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भगवान विष्णु, लक्ष्मी, और कुबेर की पूजा
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तुलसी में जल अर्पण
❌ न करें:
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शराब, मांसाहार और अपवित्रता से दूर रहें
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किसी का अपमान या झूठ न बोलें
? अंतिम शब्द: आस्था और निवेश का अद्भुत संगम
अक्षय तृतीया एक ऐसा दिन है, जो केवल धार्मिक नहीं, बल्कि मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से भी भारत को जोड़ता है। परंपरा से जुड़ते हुए, आधुनिकता के साथ कदम मिलाना ही आज की आवश्यकता है।
? क्या आप भी इस अक्षय तृतीया कुछ नया शुरू करने जा रहे हैं? कमेंट में बताएं!
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